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Vice President Election 2022: जगदीप धनखड़ की जीत पर गांव में मना जश्न, बंटी मिठाई

Vice President Election 2022 उपराष्ट्रपति चुनाव में जगदीप धनखड़ की जीत पर राजस्थान में झुंझुनूं जिले के किठाना गांव में मिठाई बांटी गई। पूरे गांव में खुशी का माहौल रहा। ग्रामीण और रिश्तेदार सुबह से ही जश्न मनाते नजर आए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 06 Aug 2022 08:52 PM (IST)Updated: Sat, 06 Aug 2022 08:52 PM (IST)
Vice President Election 2022: जगदीप धनखड़ की जीत पर गांव में मना जश्न, बंटी मिठाई
उपराष्ट्रपति चुनाव में जगदीप धनखड़ की जीत पर गांव में मना जश्न, बंटी मिठाई। फोटो जागरण

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। Vice President Election 2022: उपराष्ट्रपति चुनाव में जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) की जीत पर राजस्थान में झुंझुनूं जिले के किठाना गांव में शनिवार को मिठाई बांटी गई। पूरे गांव में खुशी का माहौल रहा। ग्रामीण और रिश्तेदार सुबह से ही जश्न मनाते नजर आए। गांव में रह रहे धनखड़ के रिश्तेदारों ने ग्रामीणों के बीच जाकर मिठाई खिलाई। युवाओं ने आतिशबाजी की है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले सवोच्च न्यायालय के वकील और फिर केंद्र सरकार में उपमंत्री व पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बनने के बाद भी धनखड़ गांव की जड़ों से जुड़े हुए हैं। मौका मिलने पर गांव अवश्य आते हैं। उनकी पत्नी सुदेश महीने में एक बार गांव आकर रिश्तेदारों व ग्रामीणों से मिलती हैं।

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जब भी किसी ने उन्हें अपनी कोई समस्या बताई उन्होंने मदद की

गांव में उनके बचपन के मित्र हजारी लाल और रिश्ते में भाई कृष्ण ने कहा कि धनखड़ चाहे किसी भी पद पर रहे हों, जब भी किसी ने उन्हें अपनी कोई समस्या बताई, उन्होंने हमेशा मदद की। टेलीफोन, मैसेज और पत्र का जवाब दिया। बचपन के दोस्तों और रिश्तेदारों के घर में शादी के साथ ही पारिवारिक कार्यक्रमों में धनखड़ हमेशा शामिल हुए। किठाना गांव के प्राथमिक स्कूल में धनखड़ के साथ पढ़ने वाले रामधन ने कहा कि गांव में त्योहार मनाया जा रहा है। रामधन ने कहा कि जहां जरूरत हुई धनखड़ ने सहयोग दिया। चाहे गांव का विकास हो गया या फिर किसी के बच्चे का स्कूल में प्रवेश या अन्य कोई काम धनखड़ ने हमेशा साथ दिया।

बच्चों को अंग्रेजी और कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र व महिलाओं के लिए सिलाई सेंटर चलाते हैं धनखड़

खुद बचपन में संघर्ष कर के आगे बढ़े धनखड़ ने अपने गांव के बच्चों को अंग्रेजी बोलना सीखाने के लिए शिक्षक नियुक्त कर रखा है। यह शिक्षक बच्चों को नि:शुल्क अंग्रेजी लिखना, पढ़ना और बोलना सिखाता है। अपने फार्म में बने पांच कमरों में उन्होंने महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण केंद्र संचालित कर रखा है। पिछले दस साल से चल रहे दोनों केंद्रों का खर्च धनखड़ वहन करते हैं। महिलाओं के लिए सिलाई मशीन, कपड़ा और धागा भी उनके द्वारा ही उपलब्ध करवाया जाता है। युवाओं को सरकारी नौकरी में भर्ती की तैयारी के लिए धनखड़ ने गांव के एक लाइब्रेरी भी बनवा रखी है। इस लाइब्रेरी में कई महत्वपूर्ण किताबें है। धनखड़ के रिश्ते में भाई हरीश ने कहा कि भाई साहब फोन पर लाइब्रेरी, कंप्यूटर व सिलाई केंद्र के बारे में जानकारी लेते रहते हैं। उनकी पत्नी सुदेश मौका मिलते ही गांव में आती हैं। धनखड़ इस साल 22 फरवरी को एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए आए थे।

चूरमा बाटी और खिचड़ी-दलिया पसंद

धनखड़ के रिश्तेदारों ने कहा कि उन्हें चूरमा-बाटी,बाजरे की खिचड़ी और दही काफी पसंद है। जब भी गांव आते हैं तो पारंपरिक भोजन करना उनकी पहली पसंद होती है। उनके बड़े भाई कुलदीप धनखड़ ने बताया कि सुबह साढ़े पांच बजे सोकर उठना, फिर योग से दिन की शुरुआत करतने के साथ ही पढ़ना नहीं भूलते। धनखड़ सुबह समाचार पत्र पढ़ने के बाद अलग-अलग किताबें पढ़ते हैं।


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