Rajasthan: एंटी वायरस इंस्टॉल कराने के नाम पर फ्रॉड कर रही दो कंपनियों पर सीबीआइ का छापा
CBI Raid सीबीआइ की टीम ने जयपुर की दो कंपनियों पर छापा मार कर इनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मामला साइबर फ्रॉड से जुड़ा बताया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। CBI Raid: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की टीम ने गुरुवार को जयपुर की दो कंपनियों पर छापा मारा है। दोनों प्राइवेट कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। मामला साइबर फ्रॉड से जुड़ा बताया जा रहा है। जिसमें इन कंपनियों के कर्मचारियों द्वारा पीड़ितों के कंप्यूटर पर पॉप अप और फर्जी वार्निंग मैसेज भेजकर फ्रॉड को अंजाम दिया गया। जानकारी अनुसार, पहले कंपनियों के कर्मचारियों द्वारा पीड़ितों के कंप्यूटर पर पॉप अप और फर्जी वार्निंग मैसेज भेजा जाता है। इसके समाधान के लिए फ्रॉड करने वाली कंपनियों के कर्मचारियों द्वारा पीड़ित के कंप्यूटर में एंटी वायरस के नाम पर दूसरे सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करवाए जाते थे।
जिसे प्रोटेंशियल अन-वॉन्टेड प्रोग्राम (पीयूपी ) कहते हैं। इन प्रोग्राम को एक्टिवेट करने के लिए पीड़ितों को ऑनलाइन पेमेंट का लिंक और कॉल सेंटर पर फोन करने के लिए कहा जाता है, जो पहले ही प्रोग्राम में लिखा रहता है। इसके कारण पीड़ित इसमें फंस जाता है। इन कंपनियों पर यह भी आरोप है कि कंप्यूटर में किसी भी परेशानी से बचने के लिए पीड़ितों से कुछ ऑनलाइन और कॉल सेंटर के जरिए कुछ लिंक पर क्लिक करवाकर ऑनलाइन पेमेंट करवाई गई। जिसके तहत गुरुवार को जयपुर के अतिरिक्त दिल्ली नोएडा, गुरुग्राव, फरीदाबाद और मैनपुरी में 10 जगह छापेमारी की गई।
सीबीआइ की टीम ने जयपुर की इनोवाना थिंकलेब और सिस्टवीक सॉफ्टवेयर्स पर कार्रवाई की। दोनों कंपनियों के सी-स्कीम स्थित दफ्तरों पर कार्रवाई करने के साथ ही इनके प्रमुख कार्मिकों के आवासों पर भी तलाशी ली गई। सीबीआइ सूत्रों के अनुसार, दोनों कंपनियों के पांच कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। इधर, यूपी के लखनऊ में कृष्णानगर पुलिस ने बुधवार देर रात खुद को सीबीआइ का इंस्पेक्टर बताने वाले जालसाज को गिरफ्तार किया है। आरोपित के पास से 15 अलग-अलग विभागों के फर्जी मुहर बरामद किए गए हैं। इंस्पेक्टर कृष्णा नगर डीके उपाध्याय के मुताबिक मूलरूप से बक्सर बिहार निवासी अशोक कुमार श्रीवास्तव को फिनिक्स मॉल के पास से पकड़ा गया है। इंस्पेक्टर के मुताबिक, छानबीन में सामने आया है कि आरोपी अशोक खुद को आइबी और एंटी करप्शन का अधिकारी बताता था।