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बच्चों और महिलाओं में कुपोषण को दूर करने के लिए शुरू किया गया व्यापक अभियान

उदयपुर में कई जगहों पर कुपोषण के शिकार बच्चे और महिलाओं को पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराने की मुहिम तेज कर दी गई है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Sun, 15 Mar 2020 12:23 PM (IST)Updated: Sun, 15 Mar 2020 12:23 PM (IST)
बच्चों और महिलाओं में कुपोषण को दूर करने के लिए शुरू किया गया व्यापक अभियान
बच्चों और महिलाओं में कुपोषण को दूर करने के लिए शुरू किया गया व्यापक अभियान

जयपुर, जागरण न्यूज नेटवर्क। राजस्थान में बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की स्थिति को दूर करने के लिए नारायण सेवा संस्थान ने एक व्यापक अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के एक हिस्से के रूप में संस्थान और आसपास के लिए लोगों ने 25 नए पोषण प्रभावित क्षेत्रों को चिन्हित किया है, जिसमें लोगों को पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध कराने की मुहिम को तेज किया गया है। ये अभियान मुख्य तौर पर उदयपुर जिले में केंद्रित है, जिसमें पोषण (Prime Minister’s Overarching Scheme for Holistic Nutrition) योजना के तहत लोगों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। राजस्थान सरकार भी प्रदेश में तेजी से पोषण योजना लागू कर रही है।

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पोषण अभियान 2022 तक कुपोषण मुक्त भारत बनाने का एक मिशन है। यह बच्चों, गर्भवती महिलाओं और माताओं को पर्याप्त पोषण उपलब्ध कराने के लिए बनाई गई एक समग्र योजना है, जिसे देश के विभिन्न जिलों में लागू किया गया है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2019 के अनुसार 117 देशों की सूची में भारत की रैंकिंग 102 है। सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) के जीरो हंगर सेक्शन के अनुसार देश में सबसे खराब प्रदर्शन वाले 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में राजस्थान ने 35 अंक हासिल किए थे।

खाद्य और कृषि संगठन यानी एफएओ ने अनुमान लगाया है कि देश की 14.5 प्रतिशत आबादी कुपोषण का शिकार है। वहीं, देश में भुखमरी के संकट से निपटने के लिए व्यापक रणनीति को अपनाने की जरूरत है। 2030 से पहले भुखमरी के संकट को समाप्त करने के लिए कॉर्पेरेट घरानों को भी आगे आना पड़ेगा। हाल ही सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित 9 वर्षीय मुसमी डाली को इलाज के लिए अपने परिवार के साथ उदयपुर के नारायण सेवा संस्थान में लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद पाया कि उसका पूरा परिवार ही अल्पपोषण का शिकार है।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम गर्भवती माताओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को 6 महीने से 14 साल तक पौष्टिक भोजन प्राप्त करने के लिए अनेक महत्वपूर्ण विकल्प प्रदान करता है। इस बारे में संस्थान की निदेशक वंदना अग्रवाल ने कहा है, "सेरेब्रल पाल्सी जन्म से पूर्व और जन्म के बाद की देखभाल और प्रसवोत्तर देखभाल से संबंधित है, यह पहली बार मां बनने वाली महिलाओं और माताओं की और अधिक देखभाल की जरूरत को इंगित करता है, ताकि वे एक सामान्य बच्चे को जन्म दे सकें।”


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