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Budget Session: राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र 10 फरवरी से होगा शुरू

Budget Session राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने बजट सत्र शुरू करने को लेकर राज्य सरकार की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी दी है। बजट सत्र करीब एक माह तक चलने की उम्मीद है। वित्त विभाग का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संभाल रहे हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 04:36 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 04:36 PM (IST)
Budget Session: राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र 10 फरवरी से होगा शुरू
राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र 10 फरवरी से होगा शुरू। फाइल फोटो

जयपुर, जागरण संवाददाता। Budget Session: राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र 10 फरवरी से शुरू होगा। राज्यपाल कलराज मिश्र ने बजट सत्र शुरू करने को लेकर राज्य सरकार की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी दी है। बजट सत्र करीब एक माह तक चलने की उम्मीद है। वित्त विभाग का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संभाल रहे हैं। ऐसे में वे फरवरी के अंत में प्रदेश को बजट पेश करेंगे। वित्त विभाग ने बजट बनाने को लेकर कसरत शुरू कर दी है। बजट से पहले सरकार प्रदेश की आबकारी नीति जारी करेगी। इधर, पिछले चार माह में राजस्थान के चार विधायकों की मौत के बाद राज्य विधानसभा में सभी 200 विधायकों के एक साथ नहीं बैठने को लेकर फिर राजनीतिक गलियारों में चर्चा होने लगी है।

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फरवरी के दूसरे सप्ताह से विधानसभा के बजट सत्र के दौरान यह मुद्दा उठ सकता है। दरअसल, राज्य विधानसभा भवन में पिछले 20 साल से सभी 200 विधायकों के एकसाथ पांच साल नहीं बैठने का संयोग चला आ रहा है। पिछले साल अक्टूबर में कांग्रेस विधायक कैलाश त्रिवेदी, नवंबर में अशोक गहलोत सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री भंवरलाल मेघवाल व दिसंबर में भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी की बीमारी के कारण मौत हुई। दो दिन पहले कांग्रेस विधायक कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत का निधन हो गया। इस तरह चार माह में चार विधायकों का निधन हुआ। 200 सदस्यीय विधानसभा में अब विधायकों की संख्या 196 रह गई।

करीब दो साल पहले 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे। उसके बाद दो विधायक हनुमान बेनीवाल व नरेंद्र खीचड़ लोकसभा चुनाव लड़कर संसद में पहुंचे थे। इस कारण उनके विधानसभा क्षेत्रों खींवसर और मंडावा में उप चुनाव हुए थे। इससे पहले पिछली विधानसभा में वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के दौरान भाजपा विधायक धर्मपाल चौधरी, कीर्ति कुमारी व कल्याण सिंह का निधन हुआ तो उप चुनाव कराए गए थे। वहीं, 15वीं विधानसभा में चुनाव प्रक्रिया के दौरान बसपा उम्मीदवार का निधन हो गया था। इस कारण वहां भी आम चुनाव के बाद अलग से चुनाव कराना पड़ा था।


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