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बीटीपी विधायक बोले- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ कोर्ट में जाएंगे, विशेषाधिकार हनन का आरोप

निर्दलीय विधायक बोले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ कोर्ट में जाएंगे विशेषाधिकार हनन का आरोप- वोट के बदले 23 विधायकों से डील का लगाया था आरोप

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 09:34 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 09:34 AM (IST)
बीटीपी विधायक बोले- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ कोर्ट में जाएंगे, विशेषाधिकार हनन का आरोप
बीटीपी विधायक बोले- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ कोर्ट में जाएंगे, विशेषाधिकार हनन का आरोप

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में राज्यसभा की 3 सीटों पर चुनाव तो तीन दिन पूर्व संपन्न हो गए। लेकिन प्रदेश में राजनीति अभी जारी है। निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के बाद अब अन्य निर्दलीय एवं भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के विधायकों ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया पर निशाना साधते हुए कहा कि गलत बयानी के लिए उन्हे माफी मांगनी चाहिए।

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निर्दलीय विधायक खुशबीर सिंह जोजावर,राजकुमार गौड, रामकेश मीणा व बीटीपी के रामप्रसाद ने कहा कि पूनिया के खिलाफ वे कोर्ट में मामला दायर करेंगे। जोजावर ने एक बातचीत में कहा कि पूनिया ने विधायकों व विधानसभा का अपमान किया है, इसलिए वे इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट तक लेकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि या तो पूनिया खुद के द्वारा लगाए गए आरोप सिद्ध करें नहीं तो फिर कोर्ट में पेश होने के लिए तैयार रहें। दरअसल, राज्यसभा चुनाव में प्रदेश के सभी 13 निर्दलीय एवं भारतीय ट्राइबल पार्टी के 2 विधायकों ने कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान किया था। इस पर पूनिया ने कहा था कि इन विधायकों के साथ कांग्रेस की डील हुई है। सीएम अशोक गहलोत ने 23 विधायकों को खान व रीको में प्लॉट दिए हैं। इसके साथ ही नकद ट्रांजेक्शन भी हुआ था। पूनिया के इस बयान पर आपत्ति जताते हुए संयम लोढ़ा ने विधानसभा सचिव के समक्ष विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया। वहीं अब अन्य विधायक कोर्ट में जाने की तैयारी कर रहे हैं।

अब एटीएस जांच करेगी

उधर विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की जांच अब राजस्थान एसओजी और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के बजाय एटीएस करेगी। राज्य एटीएस में तैनात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरिप्रसाद सोमानी की अगुवाई में जांच होगी। जांच पर पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनिल पालीवाल निगरानी रखेंगे। राज्य सरकार ने पहले यह जांच एसओजी व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंपी थी, लेकिन इसमें कोई खास प्रगति नहीं हो सकी। एसओजी में शिकायत करने वाले राज्य के सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी कई बार बुलाने के बावजूद अधिकारियों के समक्ष बयान देने के लिए उपस्थित नहीं हुए थे।

उल्लेखनीय है कि जोशी सहित कई कांग्रेसी नेताओं ने भाजपा पर प्रदेश के विधायकों को 25 से 35 करोड़ का लालच देकर राज्यसभा चुनाव में उसके उम्मीदवार को वोट देने को लेकर बयान दिए थे। इन नेताओं ने भाजपा पर अशोक गहलोत सरकार को अस्थिर करने के अरोप भी लगाए थे। जोशी ने विधायकों को लालच देने को लेकर एसओजी व ब्यूरो में लिखित में शिकायत दर्ज कराई थी। जोशी का कहना है कि एटीएस अधिकारियों के बुलावे पर वे बयान देने के लिए उपस्थित होंगे। 


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