Rajasthan: धरियावद विधानसभा चुनाव में बीटीपी मुश्किल में, घोषित प्रत्याशी का नामांकन खारिज
धरियावद विधानसभा के उपचुनाव के लिए बीटीपी ने थावर चंद मीणा को अपना प्रत्याशी घोषित किया था। जबकि इसी पार्टी से गणेशलाल मीणा ने भी बागी होकर दो नामांकन भरे थे जिनमें से एक निर्दलीय के रूप में है।
उदयपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान की आदिवासी क्षेत्र की विधानसभा सीट धरियावद में पैठ बनाती भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है। उसके घोषित प्रत्याशी थावर चंद मीणा का नामांकन खारिज हो गया है। ऐसे में बीटीपी के नेता धरियावद में एकत्र हो गए हैं और इस पर चर्चा की जा रही है कि पार्टी के बागी उम्मीदवार को समर्थन दिया जाए या नहीं।
मिली जानकारी के अनुसार धरियावद विधानसभा के उपचुनाव के लिए बीटीपी ने थावर चंद मीणा को अपना प्रत्याशी घोषित किया था। जबकि इसी पार्टी से गणेशलाल मीणा ने भी बागी होकर दो नामांकन भरे थे, जिनमें से एक निर्दलीय के रूप में है। सोमवार को हुए नामांकन की जांच में थावर चंद का नामांकन खारिज हो जाने से पार्टी को बड़ा झटका लगा है, जबकि थावरचंद अपने समर्थकों के साथ पहले से ही चुनाव प्रचार में जुट चुके थे। ऐसे में बीटीपी के प्रदेश स्तरीय नेताओं का जमावड़ा धरियावद में लग चुका है। जिनमें डूंगरपुर जिले से निर्वाचित बीटीपी के दोनों विधायक भी शामिल हैं।
बीटीपी के प्रदेशाध्यक्ष बेलाराम घोघरा के मुताबिक विधायक राजकुमार राउत तथा रामप्रसाद की मौजूदगी में धरियावद में बीटीपी कार्यकर्ताओं की बैठक हो रही है। उनका कहना था कि गणेश लाल मीणा उनकी पार्टी का ही है तथा उसे उम्मीदवार के रूप में समर्थन के रूप में फैसला लिया जाना है। हालांकि गणेशलाल अब बीटीपी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव नहीं लड़ सकता। पार्टी पदाधिकारियों तथा कार्यकर्ताओं को मिलकर तय करना है कि उसका समर्थन करना है या नहीं।
इधर, नामांकन खारिज होने से थावरचंद मीणा ने चुप्पी साध ली है। उनका कहना है कि जैसा पार्टी का निर्णय होगा, वह काम करेंगे। पार्टी यदि गणेश लाल का समर्थन करती है तो उसके साथ मिलकर काम करेंगे।
बीटीपी के राजस्थान में हैं दो विधायक
भारतीय ट्राइबल पार्टी का गठन पिछले विधानसभा चुनाव के कुछ समय पहले ही हुआ था और उसके दो प्रत्याशी जीतकर विधानसभा में पहुंचे। बीटीपी विधायक रामप्रसाद तथा राजकुमार राउत दोनों ही डूंगरपुर जिले से हैं। इसके अलावा उदयपुर संभाग की अन्य आदिवासी क्षेत्र की सीटों पर उन्होंने अपनी ताकत दिखाई। भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों को सीधे चुनौती देकर उन्होंने चार विधानसभा सीटों पर तीसरे नंबर पर धकेल दिया था। पिछली बार धरियावद विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव के दौरान बिना किसी तैयारी के पांच हजार वोट लेकर पार्टी की पहचान बनाई थी। इस बार बीटीपी गांव—गांव ढाणी—ढाणी जाकर आदिवासी लोगों को जोड़ने में जुटी है।
अब भाजपा और कांग्रेस में सीधी चुनौती के आसार
धरियावद विधानसभा उप चुनाव में बीटीपी प्रत्याशी के नामांकन खारिज होने से अब वहां भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी चुनौती के आसार हैं। भाजपा प्रत्याशी खेत सिंह मीणा का यहां कांग्रेस के नेता नगराज मीणा से सीधा मुकाबला है। नगराज मीणा पूर्व में यहां विधायक रह चुके हैं और पिछले दो चुनाव में उन्हें भाजपा के गौतमलाल मीणा से हार का सामना करना पड़ा था। गौतमलाल मीणा के देहांत के बाद नगराज मीणा पर एक बार फिर कांग्रेस ने विश्वास जताया है।