Move to Jagran APP

Coronavirus: सीमा की सुरक्षा के साथ ग्रामीणों को कोरोना से बचाने में जुटे बीएसएफ के जवान

Coronavirus बीएसएफ के जवानों ने ग्रामीणों के बीच बैठकर दुश्मन देश के साथ कोरोना महामारी से सजग रहने का भी संदेश दिया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 04:16 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 08:24 PM (IST)
Coronavirus: सीमा की सुरक्षा के साथ ग्रामीणों को कोरोना से बचाने में जुटे बीएसएफ के जवान
Coronavirus: सीमा की सुरक्षा के साथ ग्रामीणों को कोरोना से बचाने में जुटे बीएसएफ के जवान

जयपुर, जागरण संवाददाता। Coronavirus: पाकिस्तान से सटी राजस्थान की 1070 किलोमीटर लंबी सरहद पर चौकसी कर रहे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान 48 डिग्री तापमान में दुश्मन से देश की रक्षा करने के साथ ही गांवों की चौपाल पर जाकर ग्रामीणों के साथ संवाद कर रहे हैं। जवानों का नारा है, आंधियां डिगा न सकी और कोरोना डरा न सका। ग्रामीणों के साथ संवाद करते समय भी इसी नारे को लगाते हुए जवान कोरोना से बचाव का संदेश देते हैं। शनिवार को पाकिस्तान से सटे रेगिस्तानी जिले जैसलमेर व बाड़मेर के साथ ही श्रीगंगानगर में बीएसएफ के जवानों ने ग्रामीणों के बीच बैठकर दुश्मन देश के साथ कोरोना महामारी से सजग रहने का भी संदेश दिया।

loksabha election banner

जवानों ने ग्रामीणों को बताया कि कैसे कोरोना से बचा जा सकता है। सरहद के बिल्कुल निकट जैसलमेर जिले के कुरियाबेरी, कुंजरनी व रामगढ़ के साथ ही बाड़मेर जिले के कबूल की ढ़ाणी, बन्ने की बस्ती, शाहगढ़ और भाड़ली आदि गांवों की चौपाल पर जाकर ग्रामीणों को कोरोना से बचाव का मंत्र दिया। बीएसएफ के जवानों का ग्रामीणों के साथ संवाद का सिलसिला वैसे तो निरंतर चलता रहता है, लेकिन अब कोरोना महामारी के दौरान यह पहले से अधिक हो गया। पिछले तीन दिन से रेगिस्तान में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तारबंदी से मात्र 70 फीट दूर बन्ने की बस्ती और कबूल की ढ़ाणी में जवान प्रतिदिन जाते हैं और ग्रामीणों को कोरोना से बचाव के लिए जागरूक करते हैं। इन दोनों बस्तियों में दोपहर का तापमान शनिवार को 48 डिग्री पार कर गया।

सुरक्षा के साथ बचाव भी मुख्य ध्येय

बीएसएफ के प्रवक्ता डीआईजी एमएस राठौड़ ने बताया कि पिछले तीन दिन से तापमान सरहद पर 48 डिग्री या इससे अधिक पहुंच रहा है, लेकिन इसके बीच बीएसएफ के जवान सरहद की सुरक्षा करने के साथ ही ग्रामीणों को कोरोना से बचाव के लिए जागरूक कर हैँ। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में मिट्टी से हाथ साफ करने की परंपरा है, जवान ग्रामीणों को साबुन से हाथ धोने के लिए जागरूक कर रहे हैं। ग्रामीण साबुन नहीं ला सकते, इसलिए उन्हें साबुन उपलब्ध कराया जा रहा है। बीएसएफ के जवानों द्वारा तैयार मास्क बांटे जा रहे हैं। ग्रामीणों के बीच जाकर जवान यह समझाने में जुटे हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग के क्या लाभ हैं। उन्होंने कहा कि सरहद की सुरक्षा के साथ ग्रामीणा का कोरोना से बचाव ही फिलहाल मुख्य ध्येय है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.