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Rajasthan Urban Body Polls: अजमेर में भाजपा के 49, कांग्रेस के 17 व 14 निर्दलीय उम्मीदवार जीते

Rajasthan Urban Body Polls अजमेर में 80 वार्डों के चुनाव परिणाम में 49 वार्डों में भाजपा 17 में कांग्रेस 13 वार्डों में निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है एक वार्ड में कांग्रेस के समर्थन से आरएलपी की उम्मीदवार विजयी रही है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 31 Jan 2021 05:26 PM (IST)Updated: Sun, 31 Jan 2021 05:26 PM (IST)
Rajasthan Urban Body Polls: अजमेर में भाजपा के 49, कांग्रेस के 17 व 14 निर्दलीय उम्मीदवार जीते
अजमेर में भाजपा के 49, कांग्रेस के 17 व 14 निर्दलीय उम्मीदवार जीते। फाइल फोटो

अजमेर, संवाद सूत्र। Rajasthan Urban Body Polls: राजस्थान में अजमेर नगर निगम पर लगातार दूसरी बार भाजपा का बोर्ड बनना तय हो गया। रविवार को सामने आए 80 वार्डों के चुनाव परिणाम में 49 वार्डों में भाजपा, 17 में कांग्रेस, 13 वार्डों में निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है, एक वार्ड में कांग्रेस के समर्थन से आरएलपी की उम्मीदवार विजयी रही है। परिणाम सामने आने के साथ ही भाजपा में मेयर के चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस बार मेयर के लिए अनुसूचित जाति की महिला उम्मीदवार का मेयर बनना आरक्षित है। लिहाजा सबकी नजर भाजपा के शहर जिला अध्यक्ष डॉ प्रियशील हाड़ा की पत्नी बृजलता हाड़ा पर टिकी है। किन्तु राजनीति में कुछ भी संभव है, पिछले मेयर के चुनाव में अजमेरवासियों ने यह देखा है।

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अजमेर उत्तर के विधायक वासुदेव देवनानी के राजनीतिक सूझबूझ व सक्रियता से जनरल की सीट आरक्षित होने पर भी धर्मेन्द्र गहलोत मेयर की कुर्सी पर काबिज हुए और सुरेन्द्र सिंह शेखावत को लॉटरी के निर्णय पर संतुष्ट होना पड़ा। ताजा समीकरणों में जबकि अजमेर दक्षिण की विधायक अनिता भदेल और उत्तर के विधायक वासुदेव देवनानी के बीच रिश्तों में सोहार्द कायम है कहा नहीं जा सकता कि कौन मेयर की कुर्सी पर बैठे। वैसे बता दें कि भाजपा शहर जिला अध्यक्ष और निगम मेयर का एक ही परिवार से होने के कारण यहां कोई भी उलटफेर संभव है। यूं देखा जाए तो बृजलता हाड़ा की दावेदारी प्रबल ही है। विधायकों के लिए डिप्टी मेयर का चुनाव अब ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है वहीं जनता के लिए दिलचस्प।

भाजपा का प्रदेश नेतृत्व भी हाड़ा के पक्ष में ही है। हाड़ा के पति प्रियशील हाड़ा ने दस वर्ष पहले मेयर पद के लिए चुनाव लाड़ा था, लेकिन तब सीधी चयन प्रणाली में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। डॉ. हाड़ा की छवि भाजपा में साफ-सुथरी रही है। कुछ लोग डॉ. हाड़ा को दक्षिण क्षेत्र की भाजपा विधायक अनिता भदेल का प्रतिद्वंदी मानते हैं। दक्षिण विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। भदेल लगातार चौथी बार इस क्षेत्र से विधायक हैं। अब जब डॉ. हाड़ा की पत्नी मेयर बनने जा रही हैं तो 2023 में होने वाले विधानसभा के चुनाव में भी  भदेल को चुनौती होगी ही। क्यों कि श्रीमती अनिता भदेल भी विधायक बनने से पहले अजमेर नगर परिषद की सभापति हुआ करती थीं। यहीं से ही वे विधानसभा में पहुंची थी। लोगों का सोच है कि बृजबाला हाड़ा मेयर बन कर अच्छा बोर्ड चलाती हैं तो शहर को 2023 के चुनाव में दक्षिण से भाजपा का नया उम्मीदवार मिलेगा।

दोनों विधायकों ने दिखाया दम

नगर निगम के 80 वार्डों के परिणाम बताते हैं कि भाजपा के दोनों विधायक वासुदेव देवनानी और श्रीमती अनिता भदेल ने अपने अपने विधानसभा क्षेत्रों में दम दिखाया है। देवनानी के उत्तर विधानसभा क्षेत्र में निगम के 36 वार्ड आते हैं, इनमें से 26 वार्डों में भाजपा ने जीत दर्ज की है। भाजपा के जिन कार्यकर्ताओं ने निगम चुनाव में देवनानी के नेतृत्व को चुनौती देने की कोशिश की, उन सभी को हार का सामना करना पड़ा। देवनानी की शिकायत पर उत्तर क्षेत्र के 10 बागी उम्मीदवारों को भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था। 31 जनवरी को घोषित चुनाव परिणाम में उन 10 बागी उम्मीदवारों में से 9 चुनाव हार गए। सिर्फ वार्ड 6 से भाजपा के बागी उम्मीदवार कुंदन वैष्णव ही जीत पाए हैं। उत्तर विधानसभा क्षेत्र में तीन मुस्लिम बहुल्य वार्डों में भाजपा की हार पहले से ही तय मानी जा रही थी। दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में भी भाजपा की विधायक श्रीमती अनिता भदेल ने अपनी राजनीतिक कुशलता दिखाई है। दक्षिण क्षेत्र के अधिकांश वार्डों में भाजपा के बागी उम्मीदवारों ने समीकरण बिगाड़े लेकिन इसके बाद भी भाजपा का उल्लेखनीय प्रदर्शन सामने आया है।

गुटबाजी में धंस गई कांग्रेस

कांग्रेस के नेता महेन्द्र सिंह रलावता, हेमंत भाटी, विजय जैन, डॉ. राजकुमार जयपाल, डॉ. श्रीगोपाल बाहेती आदि अपने अपने समर्थकों को टिकिट दिलवाने में सफल तो रहे, लेकिन चुनाव नहीं जितवा सके। इन प्रमुख नेताओं में सिर्फ निवर्तमान शहर अध्यक्ष कांग्रेस विजय जैन के वार्ड संख्या 42 में ही कांग्रेस उम्मीदवार जीत सका। डॉ. श्री गोपाल बाहेती, हेमंत भाटी, राजकुमार जयपाल, महेन्द्र सिंह रलावता और नसीम अख्तर जिन वार्डों में रहते हैं, उन वार्डों में कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव हार गए हैं। कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष व अजमेर उत्तर से विधायक प्रत्याशी रहे महेन्द्र सिंह रलावता के छोटे भाई तथा सेवानिवृत उपायुक्त नगर निगम गजेन्द्र सिंह रलावता अब पार्षद बन गए हैं।

डिप्टी मेयर के चयन पर है सबकी नजर

चूंकि मेयर का पद एससी वर्ग की महिला के आरक्षित है, इसलिए अब पार्षदों के बीच डिप्टी मेयर के पद को लेकर घमासान मचा है। डिप्टी मेयर के दावेदार रमेश सोनी, नीरज जैन, अजय वर्मा, ज्ञान सारस्वत, विरेन्द्र वालिया पार्षद बन गए। ऐसे में माना जा रहा है कि जिस दावेदार के पक्ष में सबसे ज्यादा पार्षद होंगे उसे डिप्टी मेयर बना दिया जाएगा।


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