जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के सियासी संग्राम में विधानसभा स्पीकर डॉ.सी.पी.जोशी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत के बीच बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भाजपा आक्रामक मुद्रा में रही। भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि डॉ.जोशी ने पद् की गरीमा रखने के बजाय सीएम गहलोत से संबंध निभा रहे हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन कहा कि स्पीकर ने अपने पद का सम्मान कम किया है, उन्हें पद छोड़ देना चाहिए। पूनिया ने कहा कि स्पीकर न्याय करने के बजाय सरकार को बचाने में जुटे हैं । भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि स्पीकर ने कांग्रेस और अशोक गहलोत सरकार की मर्जी से निर्णय ले रहे हैं। स्पीकर को पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है।
उन्होंने कहा कि डॉ. जोशी को पद छोड़ देना चाहिए। भाजपा इस मुद्दो को विधानसभा के आगामी सत्र में भी उठाएगी। उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में स्पीकर व वैभव गहलोत के बीच कांग्रेस के बागी विधायकों के संबंध में बातचीत हो रही है।
जानकारी के अनुसार राजस्थान में चल रहे सियासी घटनाक्रम के बीच गुरुवार को सोशल मीडिया पर विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत का वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो में जोशी और वैभव गहलोत के बीच विधानसभा सत्र और कांग्रेस के बागी विधायकों को लेकर बातचीत हो रही है। इस वीडियो में डॉ. जोशी वैभव गहलोत से कह रहे हैं कि 30 आदमी निकल जाते तो आप कुछ नहीं कर सकते थे, सरकार नहीं चल सकती थी, यह तो निकलने वाले विधायकों की संख्या कम है। अब भी बहुत टफ हो गया। दरअसल, बुधवार को जोशी का जन्मदिन था।
वैभव गहलोत उन्हे जन्मदिन की बधाई देने उनके निवास पर गए थे। इस दौरान जोशी के स्टाफ के किसी सदस्य ने दोनों की मुलाकात का वीडियो अपने मोबाइल से बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। लेकिन इसमें दोनों की बातचीत भी रिकॉर्ड हो गई, वह भी वायरल हो गई। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो के बारे में जोशी से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो सकी।
उधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि स्पीकर को नैतिकता के आधार पर पद छोड़ देना चाहिए। सतीश पूनिया ने कहा कि जिस तरह की बातचीत वीडियो टेप में हमने सुनी है, उससे ऐसा लगता है कि विधानसभा अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी से आते हैं और पार्टी के लिए पक्षपात कर रहे हैं जो कि एक स्पीकर को शोभा नहीं देता है। स्पीकर संजीदा व्यक्ति हैं और ऐसे व्यक्ति पर जब इस तरह के सवाल उठे तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
सतीश पूनिया बोले कि वह किसी सामान्य व्यक्ति से बात नहीं कर रहे हैं ,बल्कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे से बात कर रहे हैं। ऐसे में साफ लगता है कि वह कांग्रेस का साथ दे रहे हैं, जबकि संविधान के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष को निष्पक्ष रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक तरफ विधानसभा अध्यक्ष हाईकोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए हैं कि हाई कोर्ट उनके विधायकों के नोटिस देने के मामले में लक्ष्मण रेखा पार कर रहा है और दूसरी तरफ वह खुद ही सारी मर्यादा तोड़ कर इस तरह से 30 विधायकों के उधर चले जाने और सरकार बचा लेने की बातचीत कर रहे हैं।
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