Rajasthan Local Body Elections 2019: बेनीवाल की पार्टी रालोपा से गठबंधन नहीं करेगी भाजपा
Rajasthan Local Body Elections 2019. राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने स्पष्ट कर दिया कि निकाय चुनाव भाजपा अपने दम पर लड़ेगी।
जयपुर, जेएनएन। राजस्थान मेें नवंबर में होने वाले 49 नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा सांसद हनुमान बेनीवाल की पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) से गठबंधन नहीं करेगी। पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व मंत्री युनुस खान पर दिए गए बेनीवाल के बयान पर भी आपत्ति की है और उन्हें मर्यादित भाषा इस्तेमाल करने की नसीहत दी है।
राजस्थान में भाजपा ने लोकसभा तथा हाल में हुए विधानसभा के उपचुनाव रालोपा के साथ मिल कर लड़े थे। लोकसभा में हनुमान बेनीवाल जीत कर सांसद बने और वहीं, उपचुनाव में भी उनके भाई नारायण बेनीवाल ने जीत हासिल की और विधायक बन गए। हालांकि उपचुनाव की जीत के बावजूद बेनीवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके विश्वस्त सहयोगी पूर्व मंत्री युनूस खान के खिलाफ बयान दिए थे और उन पर कांग्रेस प्रत्याशी की मदद करने का आरोप लगाते हुए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इन स्थितियों के बाद सबकी नजर इस बात पर थी कि भाजपा निकाय चुनाव में भी रालोपा के साथ गठबंधन करेगी या नहीं।
मंगलवार को निकाय चुनाव की तैयारियों के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने पूरी तरह स्पष्ट कर दिया कि निकाय चुनाव भाजपा अपने दम पर लड़ेगी। गठबंधन के सवाल पर पूनिया ने कहा कि नगरीय निकायों में भाजपा मजबूत है। हमारे अपने कार्यकर्ता और आधार है, ऐसे में निकाय चुनाव में रालोपा के साथ गठबंधन की कोई जरूरत नहीं है। पूनिया ने कहा कि लोकसभा चुनाव में पार्टी ने पूरे देश में गठबंधन किए थे और 303 के बहुमत के बावजूद पार्टी ने गठबंधन के साथियों को सरकार में जगह दी थी।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में भी गठबंधन की जरूरत थी, क्योंकि हमें कांग्रेस को हराना था। गठबंधन से जीत सुनिश्चित हुई। पूरे देश में ऐसे गठबंधन पहले भी किए जाते रहे हैं, लेकिन निकाय चुनाव में हमें ऐसी जरूरत नहीं लग रही है। हमारा अपना आधार है। कार्यकर्ता हैं, इसलिए हम अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि पंचायत चुनाव के बारे में उन्होंने स्थिति स्पष्ट नहीं की और कहा कि यह समय पर आने पर तय किया जाएगा।
भाजपा नेताओ के बारे में बेनीवाल के बयानों पर पूनिया ने कहा कि खींवसर की जीत में भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओ का भी पूरा योगदान है। रालोपा अपने दम पर खींवसर का चुनाव नहीं जीत सकती थी। उन्होंने कहा कि हमारे केंद्रीय मंत्रियों, प्रभारी तथा अन्य कार्यकर्ताओ की मेहनत भी इस जीत में है। ऐसे में बेनीवाल से कहा गया है कि पार्टी के नेताओं के प्रति मर्यादित भाषा का इस्तेमाल करें। गठबंधन धर्म का पालन करें।
चुनाव प्रबंधन के लिए बनाई समिति, राजे इसमें भी शामिल नहीं
निकाय चुनाव प्रबंधन के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की 11 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस समिति में भी शामिल नहीं हैं और ऐसा लग रहा है कि इस चुनाव से भी राजे दूर रहेंगी। इस बारे में जब पूनिया से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राजे पार्टी से दूर नहीं हैं। उनकी अपनी व्यवस्तता है। जब वे जयपुर आएंगी तो सबका भ्रम दूर हो जाएगा। पार्टी को उनकी जहां जरूरत होती है, वहां उनसे काम लिया जाता है।
कानून व्यवस्था और विकास होगा मुद्दा
पूनिया ने बताया कि पिछल दस माह में राजस्थान में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब हो चुकी है और हमारे समय में निकायों के विकास के लिए जो पैसा दिया जाता था, उसे भी रोक दिया गया है। ठेकेदारों के भुगतान तक बकाया चल रहे हैं। आने वाले चुनाव में हम इसी को मुद्दा बनाएंगे। अपनी ओर से सरकार के खिलाफ एक चार्जशीट पेश करेंगे। इसके अलावा केंद्र सरकार की शहरी विकास की योजनाओं से हुए विकास के बारे में एक विजन डाॅक्यूमेंट सामने लाएंगे और हर निकाय के स्थानीय मुद्दों को आधार पर स्थानीय घोषणापत्र भी जारी करेंगे।
पूनिया ने बताया कि वार्ड का टिकट उस वार्ड के मूल निवासी को ही दिया जाएगा। अनुभवी के साथ नए लोगों को भी मौका मिलेगा। स्थानीय इकाई 31 अक्टूबर और एक नवंबर को अपने पैनल बना कर लाएगी और इनके फीडबैक के आधार पर प्रत्याशियों का चयन किया जाएगा।