Rajasthan: बंगाल में हिंसा के विरोध में राजस्थान में भाजपा ने किया विरोध प्रदर्शन
Rajasthan भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि हमने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। सभी ने मास्क लगा रखे थे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। विरोध प्रदर्शन में सीमित संख्या में नेताओं को बुलाया गया था।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan: पश्चिम बंगाल में चुनाव नतीजों के बाद हो रही हिंसा के विरोध में राजस्थान में भाजपा ने विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन पार्टी कार्यालयों में ही आयोजित किया गया, लेकिन जयपुर स्थित प्रदेश भाजपा मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में विरोध प्रदर्शन के दौरान कोविड की गाइडलाइन का उल्लंघन हुआ। यहां पार्टी मुख्यालय के बाहर आयोजित विरोध प्रदर्शन में विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, सांसद रामचरण बोहरा व वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ सहित कई नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। यह विरोध प्रदर्शन तब हुआ, जब राज्य सरकार ने सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगा रखी है, लेकिन भाजपाइयाें ने टेंट लगाकर विरोध प्रदर्शन किया।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि हमने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। सभी ने मास्क लगा रखे थे, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। विरोध प्रदर्शन में सीमित संख्या में नेताओं को बुलाया गया था। पूनिया ने कहा कि बंगाल की घटनाएं कलंकित करने वाली हैं। बंगाल की घटनाएं बहुत वीभत्स है। चुनाव जीत के बाद और पहले टीएमसी के गुंडों ने भाजपा के 140 कार्यकर्ताओं की हत्या की। गरीबों के घर जला दिए,अबलाओं की इज्जत पर हाथ डाला गया। जोधपुर, कोटा, उदयपुर, बीकानेर, अलवर सहित सभी बड़े शहरों में भाजपाइयों ने पार्टी कार्यालयों के बाहर पश्चिम बंगाल की घटनाओं के विरोध में सांकेतिक प्रदर्शन किया।
गौरतलब है कि राजस्थान में मंगलवार को कोरोना संक्रमितों के 16,974 नए केस मिलने के साथ ही 154 पीड़ितों की मौत हुई। वर्तमान में एक्टिव केसों की संख्या एक लाख 97 हजार 45 है। प्रदेश में अब तक 6 लाख 68 हजार 221 संक्रमित मिले हैं। वहीं, कुल मृतकों की संख्या 4866 तक पहुंच गई। पिछले 24 घंटे में 14,146 पीड़ितों को स्वस्थ्य होने के बाद अस्पतालों से घर भेजा गया। इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में सरकारें चाहे कितने ही संसाधन जुटा लें, ऑक्सीजन और दवाओं की कमी बनी रहेगी, ऐसा विशेषज्ञों का मानना है। राजस्थान में पिछले कई दिनों से ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की किल्लत है। गहलोत ने लिखा,जब कोरोना की पहली लहर आई थी तो ऑक्सीजन बेड,आईसीयू और वेंटीलेटर खाली पड़े रहे थे।