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भाजपा और आरएलपी में नजर आने लगी दरार, अब अपने स्तर पर निकाय चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू

भाजपा और आरएलपी में नजर आने लगी दरार भाजपा के बाद अब आरएलपी ने अपने स्तर पर निकाय चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू की

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 02:08 PM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 02:08 PM (IST)
भाजपा और आरएलपी में नजर आने लगी दरार, अब अपने स्तर पर निकाय चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू
भाजपा और आरएलपी में नजर आने लगी दरार, अब अपने स्तर पर निकाय चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में भाजपा और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के बीच मतभेद बढ़ते जा रहे हैं। भाजपा द्वारा स्थानीय निकाय चुनाव अकेले अपने दम पर लड़ने की घोषणा के बाद आरएलपी अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने भी अपने कार्यकर्ताओं से अपने दम पर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने को लेकर तैयारी शुरू करने के लिए कहा है।

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बेनीवाल ने कहा कि आरएलपी अब भाजपा के सामने अपने प्रत्याशी खड़े करेगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि यदि भाजपा गठबंधन धर्म नहीं निभाएगी तो फिर आरएलपी भी दमखम से स्थानीय निकाय चुनाव लड़ेगी। बेनीवाल ने स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर पार्टी पदाधिकारियों एवं विधायकों को निर्देश दिए हैं। एक साल पहले अस्तित्व में आई आरएलपी के वर्तमान में एक सांसद और तीन विधायक है। हनुमान बेनीवाल खुद नागौर से सांसद है।

बेनीवाल ने कहा कि वर्तमान में आरएलपी प्रदेश की तीसरी बड़ी पार्टी है। कुछ समय पहले तक बसपा तीसरे नंबर की पार्टी थी,लेकिन उसके पांचों विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के बाद अब आरएलपी तीसरे नंबर की पार्टी है। बेनीवाल ने कहा कि आरएलपी प्रदेश की सभी कौमों को साथ लेकर आम मतदाताओं के समक्ष मजबूत तीसरा विकल्प खड़ा करेंगे।

उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव में आरएलपी अधिक से अधिक निकायतों एवं जिला परिषदों में कब्जा करे,इसके लिए कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर अभी से काम करना होगा। आरएलपी ने मंगलवार को अपना पहला स्थापना दिवस मनाया और बुधवार को बेनीवाल ने स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर पार्टी विधायकों एवं पदाधिकारियों के साथ चर्चा की।

उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में आरएलपी ने 50 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए थे। इनमें से तीन विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने के साथ ही 15 सीटों पर पार्टी प्रत्याशी दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे। बेनीवाल खुद खींवसर से विधायक बने थे, लेकिन बाद में उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के साथ गठबंधन कर के नागौर से लोकसभा चुनाव लड़ा था।

लोकसभा चुनाव में उनकी जीत होने के बाद खाली हुई खींवसर विधानसभा सीट पर हाल ही में संपन्न हुए उप चुनाव में उनके छोटे भाई नारायण बेनीवाल चुनाव जीते हैं। भाजपा ने उन्हे समर्थन दिया था। लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद जिस तरह से बेनीवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा के अन्य नेताओं के खिलाफ बयानबाजी की उससे पार्टी का प्रदेश नेतृत्व नाराज हो गया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने स्थानीय निकाय चुनाव अकेले अपने दम पर लड़ने की घोषणा करने के साथ ही बेनीवाल से हद में रहने के लिए कहा। 


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