Rajasthan: पुस्तक प्रकाशक के कार्यालय पर हमले के मामले में भाजपा विधायक बोले, जयपुर को हैदराबाद बनाने की साजिश
Rajasthan पुस्तक प्रकाशक के कार्यालय पर हमले के मामले में वासुदेव देवनानी ने कहा कि जिस तरह कुछ लोग इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। वे जयपुर को हैदराबाद बनाने का कुचक्र रच रहे हैं। लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan: राजस्थान में जयपुर के चौड़ा रास्ता में एक पुस्तक प्रकाशक के कार्यालय पर दो दिन पहले इस्लामी आतंकवाद को इस्लाम का ही एक रूप बताने से जुड़ी सामग्री प्रकाशन के मामले में हुई तोड़फोड़ का मुद्दा शुक्रवार को भाजपा के दो विधायकों ने उठाया। दोनों विधायकों ने इसे आतंकी घटना जैसा बताया। भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी और आशोक लाहोटी ने इस्लामी आतंकवाद पर चर्चा के लिए विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव लगाया था, जिसे अध्यक्ष सीपी जोशी ने खारिज कर दिया। बाद में दोनों विधायकों ने मीडिया से बात की। देवनानी ने कहा कि जिस तरह यहां कुछ लोग इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। वे जयपुर को हैदराबाद बनाने का कुचक्र रच रहे हैं। लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक विज्ञान की जिस किताब में इस संबंध में प्रश्न पूछा गया वह राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की है। उन्होंने कहा कि हर मुसलमान आतंकी नहीं है, लेकिन देश-दुनिया में जो भी आतंकी पकड़े जाते हैं, वे मुसलमान होते हैं। उन्होंने कहा कि जानकारी सामने आते ही जिस तरह प्रकाशक ने अपनी सभी किताबों को बाजार से वापस लिया, लिखित में माफी मांगी। उसके बाद भी तोड़फोड़ करना गलत है। लाहोटी ने कहा कि एक संगठित गिरोह ने प्रकाश के कार्यालय पर हमला बोला। यह संगठित आतंकवाद जैसी घटना है। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की राजनीतिक विज्ञान की किताब के पेज नंबर 149 व 157 में इस्लामिक आतंकवाद पर प्रश्न पूछा गया है। आज पूरा विश्व मान रहा है कि इस्लामिक आतकंवाद बढ़ा है। श्रीलंका ने भी बुर्के पर रोक लगा दी है।
जानें, क्या है मामला
जयपुर में एक प्रकाशक की बुक में छपे सवाल और उसके जवाब को लेकर दो दिन पहले समुदाय विशेष के लोगों ने दफ्तर पर तोड़फोड़ की थी। सवाल यह था कि स्लामी आतंकवाद से आप क्या समझते हैं। इसका जवाब लिखा गया, इस्लामी आतंकवाद इस्लाम का ही एक रूप है, जो विगत 20-30 साल से अत्यधिक शक्तिशाली बन गया है। आतंकियों में किसी एक गुट विशेष के प्रति प्रतिबद्धता इस्लामिक आतंकवाद की मुख्य प्रवृति है। पंथ या अल्लाह के नाम पर आत्मबलिदान और असीमित बर्बरता, ब्लैकमेल, जबरन धन वसूली और निर्मम हत्याएं करना ऐसी आतंकवाद की विशेषताएं बन गई हैं। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पूर्णतय धार्मिक व पृथकतावादी श्रेणी में आता है