World Environment Day 2020: पौधा लगाने के बाद दो साल तक मनाया जाता है जन्मदिन
World Environment Day 2020. राजस्थान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एनजीओ अपना संस्थान के कार्यकर्ता पौधा लगाने के बाद दो वर्ष तक उसका जन्मदिन भी मनाते हैं।
मनीष गोधा, जयपुर। World Environment Day 2020. पौधा लगाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसकी नियमित देखभाल भी जरूरी है। इसी भावना को ध्यान में रखते हुए राजस्थान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एनजीओ अपना संस्थान के कार्यकर्ता पौधा लगाने के बाद दो वर्ष तक उसका जन्मदिन भी मनाते हैं। इससे पौधा लगाने वाले का पौधे से लगाव बढ़ता है और उसकी नियमित देखभाल भी होती है। इसका असर यह है कि संस्थान की ओर से लगाए गए पौधों में से करीब 80 प्रतिशत विकसित हो जाते हैं। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राजस्थान में संघ से जुडे करीब 10 हजार कार्यकर्ताओं ने अपने घर को फाइव स्टार हरित घर बनाने का संकल्प भी लिया।
राजस्थान में संघ अपने एनजीओ अमृतादेवी पर्यावरण नागरिक (अपना) संस्थान के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की गतिविधियां संचालित करता है। यह संस्थान अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से पौधारोपण के अलावा जल संरक्षण, रसोई की बगिया, सघन वन विकास और पक्षियों के संरक्षण का काम करता है। इसके साथ ही संघ ने अपनी नियमित गतिविधियों में भी पर्यावरण संरक्षण को शामिल किया है। ऐसे में संघ की ओर से की जाने वाली गतिविधियों में भी सहयोग करता है। सघन वन कर रहे विकसित अपना संस्थान राजस्थान में चार वर्ष से काम कर रहा है।
इस संस्थान की गतिविधियों का संचालन करने वाले विनोद मेलाना बताते हैं कि हमने इस संस्थान के तहत पर्यावरण संरक्षण के कुछ ऐसे काम हाथ में लिए हैं, जो आसानी से और कम खर्च में किए जा सकें। इनमें एक महत्वपूर्ण काम है सघन वन विकसित करना। इसमें एक हजार वर्गफीट जगह पर 300 अलग-अलग तरह के पौधे पास-पास लगाए जाते हैं। इन पौधों को गौमूत्र से रोगाणु रहित करते हैं और इसके बाद इन पौधों को लगाया जाता है। इसमें जैव विविधता का विशेष तौर पर ख्याल रखा जाता है, ताकि पौधे एक दूसरे को बढ़ने में सहायता करें। एक हजार वर्गफीट से कम जगह में भी सघन वन लगाए जा सकते हैं। नियमित देखभाल से ये वन बहुत जल्दी विकसित हो जाते हैं और आसपास रहने वालों के लिए ऑक्सीजन बैंक का काम करते है। राजस्थान में ऐसे 26 सघन वन तैयार किए जा चुके हैं। सबसे ज्यादा 16 सघन वन भीलवाडा में बनाए गए है। इसके अलावा श्रीगंगानगर, कपासन, पीसांगन, नसीराबाद में भी ये विकसित किए गए हैं।
रसोई की बगिया का विकास
मेलाना ने बताया कि अपना संस्थान द्वारा एक प्रयोग 'रसोई की बगिया' का भी किया गया है। इसमें एक बड़े ड्रम में 13 पौधे लगाए जाते हैं। रसोई से निकलने वाला जैविक कचरा इसमें खाद के रूप में काम आता है। 'पक्षी घर' व 'परिंडों' का निर्माण इसके साथ ही पक्षियों के संरक्षण के लिए पक्षी घर और परिंडे बनाने का काम भी अपना संस्थान द्वारा कराया जाता है, ताकि पक्षी इनमें आराम से रह सकें। अब तक संस्थान की ओर से 70 हजार पक्षी घर और 50 हजार परिंडे तैयार करवा कर वितरित कराए जा चुके हैं।
फाइव स्टार हरित घर बनाने का संकल्प लिया
विनोद मेलाना ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण दिवस पर शुक्रवार को संस्थान और संघ से जुडे दस हजार कार्यकर्ताओं ने अपने घरों को फाइव स्टार हरित घर बनाने का संकल्प लिया है। इसके तहत यह संकल्प लिया गया है कि जहां तक हो सके जल संरक्षण के लिए घर का पानी घर में ही काम में लिया जाएगा। स्वच्छता के लिए घर का कचरा भी घर की ही बगिया या अन्य कार्यो में उपयोग किया जाएगा। घर की हवा घर में ही रहे, इसके लिए पांच पौधे हर परिवार लगाएगा। घर की ऊर्जा घर में ही रहे, इसके लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करेंगे और अधिकतम बिजली बचाने का प्रयास किया जाएगा।