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Unique Baby: राजस्थान के पाली में दो सिर और चार हाथ वाले बच्चे का जन्म, हालत नाजुक

Unique Baby Birth. पाली में एक महिला ने विचित्र बालक को जन्म दिया है जिसके शरीर तो एक है लेकिन धड़ दो हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 05:22 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 05:22 PM (IST)
Unique Baby: राजस्थान के पाली में दो सिर और चार हाथ वाले बच्चे का जन्म, हालत नाजुक
Unique Baby: राजस्थान के पाली में दो सिर और चार हाथ वाले बच्चे का जन्म, हालत नाजुक

जोधपुर, जेएनएन। Unique Baby Birth. राजस्थान में जोधपुर संभाग के पाली जिले में विचित्र नवजात के पैदा होने का मामला सामने आया है। अमूमन देश-विदेश में इस तरह के मामले घटित होने के समाचार शोसल मीडिया पर वायरल होते हैं, लेकिन इस बार पाली जिले मालनू निवासी एक महिला ने विचित्र बालक को जन्म दिया है, जिसके शरीर तो एक है, लेकिन धड़ दो हैं। मामले को लेकर जोधपुर एम्स की टीम को सूचना दी गई है। उधर, बच्चों की स्थिति भी नाजुक बनी हुई है।

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जानकारी के अनुसार, पाली जिले के बाली कस्बे में स्थित एक निजी अस्पताल में मालनू निवासी ममता ने एक ऐसे बच्चे को जन्म दिया, जिसके शरीर तो एक है और सिर दो हैं। अस्पताल की चिकित्सक डॉ . शोभा वर्मा ने बताया कि सोमवार सुबह  महिला ने इस बच्चे को जन्म दिया, जिसके शरीर में दो सिर हैं। फिलहाल, इनकी स्थिति नाजुक है। इसके बाद चिकित्सकों के दल ने इस बारे में जोधपुर एम्स दल को अवगत कराया।

डॉक्टर ने बताया हमने एम्स से डॉक्टरों की टीम बुलवा ली है, लेकिन महिला के परिवार का कोई सदस्य जाने को तैयार नहीं है। इधर, महिला की स्थिति तो ठीक है लेकिन बच्चो की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिनका उपचार जारी है। अस्पताल चिकित्सक डॉ. शोभा वर्मा ने बताया उन्होंंने भी ऐसा मामला पहली बार देखा है।

चार लोगों को दिया जीवन दान

जयपुर का सवाई मानसिंह अस्पताल राजस्थान का पहला ऐसा सरकारी अस्पताल बन गया, जहां हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ है। राजसमंद के 25 वर्षीय सांवरलाल ने सांवरलाल ने अंगदान के जरिए जाते-जाते चार लोगों को जीवन दिया। इनमें हाई और दो किड़नी एसएमएस अस्पताल में ही ट्रांसप्लांट किए गए। वहीं, लीवर को ग्रीन कोरिडोर के जरिए निम्स अस्पताल में भेजा गया। एसएमएस अस्पताल में किड़नी तो पहले ही लगाई जाती रही है, लेकिन हार्ट ट्रांसप्लांट पहली बार किया गया।

अस्पताल प्रशासन के अनुसार सांवरलाल 10 जनवरी को एक सड़क दुर्घटना में घायल हो कर अस्पताल पहुंचा था, वह ब्रेन डेड अवस्था में था। अस्पताल के चिकित्सकों की सफल काउंसलिंग के बाद सांवरलाल के परिजनों ने अंगदान की सहमति दी, जिसके बाद बुधवार देर रात हार्ट ट्रांसप्लांट की तैयारी शुरू की गई। डॉ. अनिल शर्मा और उनकी टीम ने तड़के तीन बजे ऑपरेशन शुरू किया जो सुबह साढ़े छह बजे तक चला। सांवरलाल के हार्ट को एक हार्ट फैलियर मरीज को लगाया गया । हार्ट जिस मरीज के ट्रांसप्लांट किया गया उसका नाम फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया गया है। सांवरलाल की दोनों किड़नियों को भी एसएमएस अस्पताल में ही प्रत्यारोपित किया गया है। 

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