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जोधपुर में सबसे बड़ी साइबर ठगी, स्पेशल ब्रांच का अधिकारी बन किया था काल, एटीएम रिन्यू के नाम पर उड़ाए 13.65 लाख

जोधपुर के चौपासनी हाऊसिंग बोर्ड स्थित सेक्टर 8 में रहने वाले एक ड्राईक्लिनर को किसी शातिर ने बैंक अधिकारी बन कर फोन किया और एटीएम कार्ड बंद होने का बोलकर रिन्यू करने के साथ परिलाभ का प्रलोभन दिया और 13.65 लाख रूपए उड़ा ले गया।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 25 May 2021 05:31 PM (IST)Updated: Tue, 25 May 2021 05:31 PM (IST)
जोधपुर में सबसे बड़ी साइबर ठगी, स्पेशल ब्रांच का अधिकारी बन किया था काल, एटीएम रिन्यू के नाम पर उड़ाए 13.65 लाख
शातिर ने स्पेशल ब्रांच का अधिकारी बन किया था काल

जोधपुर, संवाद सूत्र। जोधपुर के चौपासनी हाऊसिंग बोर्ड स्थित सेक्टर 8 में रहने वाले एक ड्राईक्लिनर को किसी शातिर ने बैंक अधिकारी बन कर फोन किया और एटीएम कार्ड बंद होने का बोलकर रिन्यू करने के साथ परिलाभ का प्रलोभन दिया और 13.65 लाख रूपए उड़ा ले गया। शातिर ने दो दिनों में खाते से 50 बार से ट्रांजेक्शन कर इस ठगी को अंजाम दिया। बड़ी बात पीड़ित को इन ट्रांजेक्शन क सम्बद्ध में भी किसी प्रकार का कोई मेसेज नही आया। घटना 22 व 23 मई की है, जिसके बाद पीड़ित सोमवार को देवनगर थाने पहुंचा और अज्ञात शख्स के खिलाफ आईटी एक्ट एवं धोखाधड़ी में केस दर्ज करवाया गया है।

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देवनगर थानाधिकारी सोमकरण ने बताया कि सीएचबी सेक्टर 8/ 25 में रहने वाले जगदीश पुत्र प्रभुलाल डागर ने यह रिपोर्ट दी। इसमें बताया कि 22 मई को दिन में उसके पास किसी शख्स का फोन आया और खुद को स्पेशल बैंक ब्रांच का अधिकारी होना बताया और उसके एटीएम कार्ड को बंद होने की जानकारी दी। बाद में उसने कहा कि यदि वह जल्द ही एटीएम कार्ड को चालू रखेंगे तो उसके रिन्यू होने पर परिलाभ दिया जाएगा। इस पर झांसे में जगदीश डागर ने एटीएम के साथ बैंक संबंधी जानकारी दे दी।

शातिर को उन्होंने एटीएम कार्ड ओटीपी नंबर के साथ ही कोड नंबर भी बता दिए। फिर शातिर ने लगातार दो दिनों तक 50 बार ट्रांसजेक्शन कर 13 लाख 65 हजार रूपए उनके जीवन ज्योति स्थित एसबीआई एकाउंट से उड़ा डाले। पड़ताल में फोन नंबर भी राजस्थान के बाहर के निकले है। जोकि पश्चिमी बंगाल से आना प्रतीत होता है। पुलिस ने अनुसंधान शुरू किया है।

पीड़ित की दस लाख की एफडी हुई थी मेच्योर 

थानाधिकारी सोमकरण ने बताया कि इतनी बड़ी रकम में दस लाख रूपए तो पीडि़त की कुछ पहले एफडी मैच्योर होने पर आए थे। यह रकम भी शातिर ने साफ कर डाली। इस घटनाक्रम में सबसे बड़ी बात यह रही कि शातिर जो भी मैसेज डालता वह तो जगदीश डागर को मिलता रहा, मगर खाते से रूपए निकलते रहे वो मैसेज बैंक से नहीं मिल पाए। 

मानी जा रही है शहर की सबसे बड़ी साइबर ठगी

तकरीबन 14 लाख के आसपास की ऑनलाइन ठगी शहर की सबसे बड़ी ठगी मानी जा रही है इसको लेकर आमजन में चर्चा भी है। वही पीड़ित व्यक्ति के पास बैंक के द्वारा किसी तरह का निकासी का मैसेज नहीं आना भी चर्चा का विषय बना हुआ है। इससे पहले भी साइबर ठगों द्वारा जोधपुर में साइबर क्राइम को अंजाम दिया जाता रहा है लेकिन इस बार इतनी बड़ी राशि के एक साथ निकासी होने पर यह ठगी एक चुनौती बन कर उभरी है।


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