पाक सीमा से सटे बाड़मेर का हाल- 200 कुओं से कच्चे तेल का उत्पादन, फिर भी पेट्रोल मिल रहा 99.21 प्रति लीटर
राजस्थान के बाड़मेर जिले का देश के कच्चे तेल उत्पादन में करीब 25 फीसदी हिस्सेदारी है। यहां 200 कुओं में तेल का उत्पादन हो रहा है। यहां के कच्चे तेज से राज्य सरकार प्रतिवर्ष 3600 करोड़ से ज्यादा की कमाई करती है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। पाकिस्तान सीमा से सटे राजस्थान के बाड़मेर जिले का देश के कच्चे तेल उत्पादन में करीब 25 फीसदी हिस्सेदारी है। यहां 200 कुओं में तेल का उत्पादन हो रहा है। साल, 2023 तक यहां रिफाइनरी का काम पूरा होने की उम्मीद है। यहां के कच्चे तेज से राज्य सरकार प्रतिवर्ष 3600 करोड़ से ज्यादा की कमाई करती है। केंद्र सरकार को ही साल 65 लाख करोड़ का राजस्व मिलता है। बड़ी मात्रा में तेल उत्पादन करने के बावजूद यहां के लोगों को इस बात की पीड़ा है कि उन्हे 99.21 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा कीमत पर पेट्रोल की देनी पड़ रही है। यही हाल जैसलमेर का है ।
प्रदेश में सबसे महंगा पेट्रोल पाक सीमा से सटे एक अन्य जिले जैसलमेर में है, यहां लोगों को एक लीटर पेट्रोल लेने के लिए 101.19 रुपये देने पड़ते हैं। श्रीगंगानगर से सटे हनुमानगढ़ में भी एक लीटर पेट्रोल के दाम 100.77 और जयपुर में 97.97 रुपये है। प्रदेश के पेट्रोलियम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बाड़मेर में निकलने वाले तेल से केंद्र और राज्य सरकार को अब तक 100 लाख करोड़ से ज्यादा का राजस्व मिल चुका है। इसके बावजूद सीमावर्ती जिले में पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान पर पहुंच रहे हैं। इसको लेकर प्रदेश में राजनीति भी चरम पर है। सीएम अशोक गहलोत बढ़े दामों के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं।
गहलोत का कहना है कि केंद्र सरकार पेट्रोल पर 32.90 और डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यृटी लगाती है। यूपीए सरकार के समय पेट्रोल पर सिर्फ 9.20 और डीजल पर 3.46 रुपये ही एक्साइज ड्यृटी लगाई जाती थी। लोगों को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने पिछले माह वैट में 2 फीसदी की कमी की है। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि देश में सबसे ज्यादा वैट गहलोत सरकार लगा रही है। राजस्थान में पेट्रोल पर 36 और डीजल पर 26 फीसदी वैट है। इस वैट में कमी की जानी चाहिए।