Rajasthan: राजस्थान में पटाखों की बिक्री व आतिशबाजी से रोक हटी
Rajasthan पटाखों व आतिशबाजी पर रोक लगाने के बाद काफी लोगों के रोजगार पर संकट खड़ा हो गया था। रोक के कारण ही इस बार दीपावली और नववर्ष की पूर्व संध्या पर भी आतिशबाजी नहीं हो सकी थी।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan: राजस्थान में कोरोना संक्रमण पर लगातार लगती लगाम को देखते हुए अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश में पटाखों के बेचने और आतिशबाजी पर लगी रोक को हटा दिया है। राज्य सरकार ने कोरोना महामारी के कारण तीन नवंबर, 2020 को पटाखे बेचने और आतीशबाजी पर रोक लगाई थी। यह रोक हटाने को लेकर राज्य सरकार के गृह विभाग ने आदेश जारी किए हैं। रोक हटने के बाद शादी या अन्य सामाजिक समारोह में आतिशबाजी हो सकेगी। पटाखों की बिक्री हो सकेगी। पटाखों व आतिशबाजी पर रोक लगाने के बाद काफी लोगों के रोजगार पर संकट खड़ा हो गया था। रोक के कारण ही इस बार दीपावली और नववर्ष की पूर्व संध्या पर भी आतिशबाजी नहीं हो सकी थी।
पिछले साल तीन नवंबर को रोक लगाते समय गृह विभाग ने अपने आदेश में पटाखे बेचने पर 10 हजार और आतीशबाजी करने पर दो हजार का जुर्माना करने का निर्णय लिया था। जिला कलेक्टरों व पुलिस अधीक्षकों को यह अधिकार भी दिया गया था कि वे चाहें तो सजा भी कर सकते हैं। ऐसे में पिछले चार माह से प्रदेश में आतिशबाजी नहीं हो रही थी। प्रदेश में पटाखों पर रोक लगाने के बाद गहलोत सरकार ने इस फैसले को सख्ती से लागू किया था। इसके तहत राजस्थान महामारी अधिनियम-2020 के तहत कई लोगों पर जुर्माना भी लगाया गया था। आतिशबाजी व पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने के खिलाफ मामला हाईकोर्ट भी पहुंचा था। इस संबंध में राजस्थान फायर वकर्स डीलर एंड मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट में फिलहाल इस मामले की सुनवाई चल रही है। इसी बीच, सरकार ने रोक हटाने का निर्णय कर लिया है।
इधर, सीकर जिले में स्थित खाटूश्यामजी मंदिर में फाल्गुनी लक्खी मेले के आयोजन को राजस्थान सरकार ने मंजूरी दे दी है। इससे पहले कोरोना महामारी के चलते मेले पर रोक लगाई गई थी, लेकिन देशभर से श्रद्धालुओं ने राज्य सरकार से विभिन्न माध्यमों के जरिए मेले का आयोजन करने का अनुरोध किया। इसके बाद सरकार ने मेले के आयोजन की अनुमति दे दी। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को पहले ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। एक मोबाइल नंबर से एक ही श्रद्धालु का रजिस्ट्रेशन होगा। हमेशा की तरह इस बार मेले में भंडारे की अनुमति नहीं होगी। प्रसाद का वितरण भी नहीं होगा। प्रतिवर्ष मेले के दौरान लगने वाली अस्थायी दुकानें भी नहीं लगाई जाएगी।