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पाक से आए टिड्डी हमले से 5 लाख हेक्टेयर में 150 करोड़ का नुकसान, एक झुंड 35 हजार लोगों जितना खाना खाता है

इस बार पाक से टिड्डी दलों के बड़े हमले ने सीमावर्ती जिलों के करीब तीन हजार गांवों में तबाही मचा दी है।एक झुंड 35 हजार लोगों जितना खाना खाता है

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 09:00 AM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 09:00 AM (IST)
पाक से आए टिड्डी हमले से 5 लाख हेक्टेयर में 150 करोड़ का नुकसान, एक झुंड 35 हजार लोगों जितना खाना खाता है
पाक से आए टिड्डी हमले से 5 लाख हेक्टेयर में 150 करोड़ का नुकसान, एक झुंड 35 हजार लोगों जितना खाना खाता है

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। बीएसएफ के जवानों की मजबूत चौकसी के चलते भारत-पाकिस्तान सीमा से घुसपैठिये घुसने में भले ही नाकाम हो रहे हो, लेकिन इस बार पाक से टिड्डी दलों के बड़े हमले ने सीमावर्ती जिलों के करीब तीन हजार गांवों में तबाही मचा दी है।

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राजस्थान में सबसे अधिक खराबा अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जैसलमेर,बाड़मेर और बीकानेर जिलों में हुआ है। जालौर, सिरोही, जोधपुर और श्रीगंगानगर जिलों में भी टिड्डी दलों का आतंक है। राज्य सरकार के अनुमान के मुताबिक लगभग 5 लाख हेक्टेयर में करीब 150 करोड़ से ज्यादा की फसलें इस बार टिड्डी चट कर गई। लेकिन सरकारी प्रयास किसानों की बर्बादी को रोकने में नाकाम साबित हुए।

ऐसा पहली बार हो रहा है कि दिसंबर माह में भी सीमावर्ती क्षेत्रों में टिड्डी दलों का लगातार हमला फसल पर जारी हो। इससे हजारों किसानों की रबी की फसल बर्बाद हो चुकी है। टिड्डियों के आतंक से परेशान किसानों के साथ संवाद करने और फसल खराबे का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रविवार शाम बाड़मेर पहुंचे। वे सोमवार को बाड़मेर, जैसलमेर और जालौर जिलों में टिड्डी दलों से हुए खराबे का जायजा लेने के साथ ही अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।

गहलोत ने तीन पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बारे में पत्र लिखकर टिड्डी नियंत्रण के लिए पाकिस्तान सहित अन्य पड़ौसी देशों के साथ समन्वय स्थापित करने का आग्रह किया था। गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार पाकिस्तान सहित अन्य पड़ौसी देशों से बात कर वहां टिड्डी नियंत्रण के उपाय सही ढंग से कराए ।

26 साल बाद टिड्डी दिलों का बड़ा हमला

करीब 26 साल पहले साल 1993 के सितंबर और अक्टूबर माह मे पाकिस्तान से आए टिड्डी दलों के हमले से किसानों के पूरे साल की मेहनत पर पानी फिर गया था । उस समय की तरह इस बार भी टिड्डी दलों ने सबसे ज्यादा नुकसान बाड़मेर,जैसलमेर और बीकानेर के किसानों की फसलों को पहुंचाया है। खरीफ के बाद अब रबी की फसल टिड्डी चट कर गई है। छह माह से टिड्डी के आतंक से परेशान किसानों की मदद के लिए सरकारी प्रयास नाकाम साबित हो रहे है। डेढ़ माह पहले जीरा, ईसबगोल, रायड़ा, सरसों सहित कई फसलों की बुवाई की तो रातों-रात टिड्डी फसलों को चट कर गई और खेत खाली कर दिए।

राज्य कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक सुआलाल जाट ने बताया कि टिड्डी पर नियंत्रण के लिए फसल पर स्प्रे कराया जा रहा है। केंद्र सरकार के टिड्डी नियंत्रण विभाग के साथ मिलकर लगातार इन पर रोक के प्रयास किए जा रहे हैं ।

एक झुंड 35 हजार लोगों जितना खाना खाता है

कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार वयस्क टिड्डी झुंड एक दिन में 150 किलोमीटर तक हवा के साथ उड़ सकता है। यह झुंड प्रतिदिन ताजा खाना खाता है,यह अपने वजन जितना खाना ख सकता है। एक अनुमान के अनुसार एक बहुत छोटा झुंड एक दिन में करीब 35 हजार लोगों जितना खाना खाता है। यही कारण है कि किसानों की फसल बर्बाद हो रही है। कृषि मंत्री लालचंद कटािरया का कहना है कि फसल पर स्प्रे के लिए सरकार ने कर्मचारी तैनात कर रखे हैं। 


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