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Dengue: अशोक गहलोत बोले, जागरूकता व सतर्कता से होगा डेंगू और मौसमी बीमारियों से बचाव

Rajasthan अशोक गहलोत ने कहा कि मौसमी बीमारियों और डेंगू के खिलाफ हमें पूरी तरह सतर्क रहना है और इनसे बचाव के लिए आमजन को जागरूक करना है। उनके मुताबिक डेंगू व अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम बचाव व उपचार का कार्य किया जा रहा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 03 Nov 2021 08:54 PM (IST)Updated: Wed, 03 Nov 2021 08:54 PM (IST)
Dengue: अशोक गहलोत बोले, जागरूकता व सतर्कता से होगा डेंगू और मौसमी बीमारियों से बचाव
अशोक गहलोत ने कहा जागरूकता और सतर्कता से होगा डेंगू और मौसमी बीमारियों से बचाव।

नई दिल्ली/जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मौसमी बीमारियों और डेंगू के खिलाफ हमें पूरी तरह सतर्क रहना है और इनसे बचाव के लिए आमजन को जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जिस प्रकार से कोविड-19 महामारी का कुशल प्रबंधन किया, उसी तत्परता के साथ सरकार द्वारा डेंगू व अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम, बचाव व उपचार का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन, चिकित्सा विभाग, महिला व बाल विकास विभाग, स्थानीय निकाय व सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा पूरे समन्वय के साथ काम करते हुए बेहतर उपचार, स्वच्छता एवं जागरूकता संबंधी कार्यों को प्रभावी रूप से संचालित किया जा रहा है। गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से मौसमी बीमारियों विशेषकर डेंगू की रोकथाम की समीक्षा कर रहे थे।

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डेंगू सहित अन्य मौसमी बीमारियों के खिलाफ हमें मिलकर काम करेंगे

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के समय पूरे देश में राजस्थान के कुशल चिकित्सा प्रबंधन और भीलवाड़ा माडल की तारीफ हुई। इसी तरह अब फिर से डेंगू सहित अन्य मौसमी बीमारियों के खिलाफ हमें मिलकर काम करना है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग विभाग मिलकर जिला स्तर से लेकर गांव-ढाणी तक डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों के उपचार व बचाव के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन शहरों व गांवों के संग अभियान के दौरान भी आइइसी गतिविधियों के माध्यम से लोगों को डेंगू से बचाव के प्रति जागरूक करें। उन्होंने स्थानीय निकायों को नियमित रूप से फागिंग करने व जिला प्रशासन को मौसमी बीमारियों की निरंतर मानिटरिंग करने के निर्देश दिए। गहलोत ने कहा कि हमारे यहां आंकड़े छिपाने का रिवाज नहीं है। उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियों और डेंगू से संबंधित आंकड़े जितने सही होंगे हम उतना ही प्रभावी नियंत्रण कर पाएंगे। आंकड़ों के आधार पर इन बीमारियों से ज्यादा प्रभावी तरीके से लड़ा जा सकता है। गहलोत ने निजी अस्पतालों से आह्वान किया कि मौसमी बीमारियों के इस दौर में वे मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए आम जनता को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि चिरंजीवी योजना को लेकर भी आम लोगों को जागरूक किया जाए। उन्होंने उडान योजना को लेकर कहा कि सेनेटरी नैपकीन की बात करने में अब संकोच नहीं रहा। राज्य सरकार द्वारा इस योजना के तहत 150 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इतने बड़े स्तर पर इस तरह की योजना लाने वाला राजस्थान पहला राज्य है।

प्रभावी नियंत्रण के लिए बनाईं हेल्पलाइन

स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि मौसमी बीमारियों के नियंत्रण को लेकर चिकित्सा विभाग के इंतजाम सराहनीय हैं। नगर निकायों में भी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश की 213 नगर पालिकाओं में 499 फागिंग मशीनें लगातार काम कर रही हैं। प्रभावी नियंत्रण के लिए हेल्पलाइन भी बनाई गई हैं।चिकित्सा मंत्री डा. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में मौसमी बीमारियों के प्रभावी नियंत्रण के लिए बचाव पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए आइइसी गतिविधियां, डोर-टू-डोर सर्वे, एंटी लार्वा गतिविधि और सैंपल कलेक्शन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समन्वित प्रयास करके बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। चिकित्सा व स्वास्थ्य राज्यमंत्री डा. सुभाष गर्ग ने कहा कि नियमित सफाई व फोगिंग से मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है। महिला व बाल विकास राज्यमंत्री ममता भूपेश ने कहा कि कोरोना काल में जिस तरह से महिला व बाल विकास विभाग ने सहयोग दिया, उसी तरह से मौसमी बीमारियों व डेंगू से लड़ने में भी विभाग का पूरा सहयोग रहेगा। उन्हाेंने उड़ान योजना के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रदेश की बालिकाओं और महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए के लिए यह योजना वरदान साबित होगी।

बढ़ाई जा रही डेंगू की टेस्टिंग

शासन सचिव चिकित्सा वैभव गालरिया ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मौसमी बीमारियों की स्थिति तथा विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि डेंगू की टेस्टिंग बढ़ाई जा रही है तथा हाई रिस्क एरिया में बीमार पाए गए व्यक्ति की सैंपलिंग वहीं की जा रही है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. सुधीर भण्डारी ने डेंगू के लिए प्रोटोकॉल ट्रीटमेंट के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि डेंगू से ठीक होेने के बाद भी गाल ब्लेडर में सूजन, पेट तथा लंग्स में पानी भरना, हार्टबीट कम होना, निम्न रक्तचाप तथा अवसाद जैसे दुष्प्रभाव भी देखने को मिल रहे हैं। बैठक में मुख्य सचिव निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा अखिल अरोरा, वन व पर्यावरण विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर्स, मेडिकल कालेज के प्राचार्य, सीएमएचओ, पीएमओ सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी वीसी के माध्यम से जुड़े।

कोविड हेल्थ कंसल्टेंट व कोविड स्वास्थ्य सहायकों की नियोजन अवधि दो माह के लिए बढ़ाई

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में मौसमी बीमारियों की स्थिति तथा कोविड-19 महामारी के प्रभावी नियंत्रण के दृष्टिगत कोविड हेल्थ कंसल्टेंट और कोविड स्वास्थ्य सहायकों के चयन व नियोजन की अवधि को आगामी दो माह (नवम्बर एवं दिसम्बर-2021) तक बढ़ाए जाने की मंजूरी दी है। राज्य सरकार ने कोविड-19 संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने, कोविड संक्रमित मरीजों को समुचित उपचार, चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराने तथा मृत्यु दर को न्यूनतम करने के लिए प्रदेश मंत संचालित घर-घर सर्वे एवं दवाई वितरण के कार्य को गति देने के लिए कोविड हैल्थ कंसल्टेंट व कोविड स्वास्थ्य सहायकों का जिला स्तर पर चयन किया था। पहले इनके नियोजन की अवधि अक्टूबर-2021 तक बढ़ाने की अनुमति दी गई थी। अब प्रदेशवासियों को मौसमी बीमारियों के दृष्टिगत बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए इनके नियोजन की अवधि को दो माह और बढ़ाया गया है।  


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