Agricultural Laws: अशोक गहलोत बोले-राष्ट्रपति की कोई मजबूरी रही होगी, इसलिए नहीं दिया समय
Agricultural Laws राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस शासित चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राष्ट्रपति से मुलाकात का समय मांगा जिससे किसानों की बात रख सकें। लेकिन राष्ट्रपति की कोई मजबूरी रही होगी इस कारण हमें समय नहीं मिल सका।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Agricultural Laws: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को एक बार फिर ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार को अविलंब तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर अन्नदाता के साथ किए गए दुर्व्यवहार के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राष्ट्रपति से मुलाकात का समय मांगा, जिससे किसानों की बात रख सकें। लेकिन राष्ट्रपति की कोई मजबूरी रही होगी, इस कारण हमें समय नहीं मिल सका। किसानों की बात केंद्र सरकार ने नहीं सुनी, जिसके कारण आज किसान पूरे देश में आंदोलन कर रहे हैं। लोकतंत्र के अंदर संवाद सरकार के साथ इस प्रकार कायम रहते तो चक्का जाम के हालात नहीं बनते व आम जन को तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ता।
उनके मुताबिक, केंद्र सरकार ने इन बिलों पर किसी से कोई चर्चा नहीं की, जिसके चलते पूरे देश के किसान सड़कों पर हैं। नए कृषि कानूनों की बात रखने के लिए पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को राष्ट्रपति ने उन्हें भी समय नहीं दिया। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों, किसान संगठनों व कृषि विशेषज्ञों से चर्चा किए बिना बहुमत के दम पर असंवैधानिक तरीके से तीनों कृषि बिलों को संसद में पास करा लिया। इधर, प्रदेश के कई जिलों में कृषि कानूनों के खिलाफ शुक्रवार को भी विरोध-प्रदर्शन का दौर जारी रहा। हरियाणा से सटे अलवर जिले के किसान दिल्ली सीमा पर पहुंचे हैं। जयपुर, भरतपुर व अन्य जिलों के किसान भी आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। ॉ
उनके मुताबिक, नए किसान कानूनों पर किसानों की बात रखने के लिए पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया। फिर हम सभी चारों कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा, जिससे किसानों की बातें रख सकें लेकिन राष्ट्रपति की कोई मजबूरी रही होगी इस कारण हमें समय नहीं मिल सका। किसानों की बात केंद्र सरकार ने नहीं सुनी, जिसके कारण आज किसान पूरे देश में आंदोलन कर रहे हैं। लोकतंत्र के अंदर संवाद सरकार के साथ इस प्रकार कायम रहते तो यह चक्का जाम के हालात नहीं बनते व आम जन को तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ता।