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Rajasthan Politics: गहलोत के एक मंत्री ने कहा-राजनीति में उम्र की सीमा तय हो, दूसरे ने कहा-बड़ी मुश्किल से मिला मंत्री पद

Rajasthan Politics गहलोत सरकार के दो मंत्रियों के बयानों ने कांग्रेस की आंतरिक राजनीति में फिर हलचल पैदा कर दी है। दोनों मंत्री पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थक हैं। वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने राजनीति में उम्र की सीमा तय किए जाने की जरूरत बताई है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 02 Jan 2022 05:46 PM (IST)Updated: Sun, 02 Jan 2022 05:51 PM (IST)
Rajasthan Politics: गहलोत के एक मंत्री ने कहा-राजनीति में उम्र की सीमा तय हो, दूसरे ने कहा-बड़ी मुश्किल से मिला मंत्री पद
अशोक गहलोत के मंत्री ने कहा-राजनीति में उम्र की सीमा तय हो। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के दो मंत्रियों के बयानों ने कांग्रेस की आंतरिक राजनीति में फिर हलचल पैदा कर दी है। दोनों मंत्री पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थक हैं। वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने राजनीति में उम्र की सीमा तय किए जाने की जरूरत बताई है। वहीं, कृषि विपणन राज्यमंत्री मुरारी लाल मीणा ने कहा कि पूर्वी राजस्थान से सबसे ज्यादा कांग्रेस के विधायक बनें, लेकिन सरकार में उतनी हिस्सेदारी नहीं मिली। यह मुद्दा दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान तक पहुंचाया गया तो बड़ी मुश्किल से 14 मंत्री इस क्षेत्र के बनें, जिनमें सबसे ज्यादा नौ अनुसूचित जाति और जनजाति के हैं। बाड़मेर दौरे पर पहुंचे चौधरी ने अपने सम्मान समारोह में कहा कि नेताओं को उम्र को देखते हुए समय पर संन्यास ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह खुद आठ बार चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन अगला विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है। राजनीति में युवाओं को अपनी उम्र तय करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी में भी एक उम्र के बाद सेवानिवृत्ति हो जाती है। उसी तरह राजनीति में भी उम्र की सीमा तय होनी चाहिए। इंटरनेट मीडिया पर चर्चा है कि चौधरी अपनी बेटी सुनीता को गुढ़ामालानी सीट से आगामी चुनाव लड़वाना चाहते हैं।

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दौसा में मुरारी लाल मीणा

उधर, सचिन पायलट के कट्टर समर्थक मुरारी लाल मीणा ने रविवार को दौसा में एक कार्यक्रम में कहा कि हमें बड़ी मुश्किल से मंत्री पद मिला है। उन्होंने कहा कि देश में 20 प्रतिशत जनसंख्या अनुसूचित जाति और जनजाति की है। 30 फीसद वोट से तो सत्ता बदल जाती है। वोट देते समय खुद का फायदा ध्यान में रखना चाहिए। मीणा ने निजी क्षेत्र में आरक्षण की जरूरत बताई है। उल्लेखनीय है कि पायलट खेमे की बगावत के समय चौधरी और मीणा दोनों ने कई बार सीएम गहलोत के खिलाफ बयान दिए थे। आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद दोनों को एक माह पूर्व मंत्री बनाया गया है।


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