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Rajasthan: अशोक गहलोत ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल व रोजगार योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के दिए निर्देश

Rajasthanअशोक गहलोत ने प्रदेश में शिक्षा स्वास्थ्य पेयजल व रोजगार से जुड़ी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं समावेशी विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। गांव-ढाणी में बैठे हर जरूरतमंद व्यक्ति को समय पर इनका लाभ मिले।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 04 Feb 2021 03:53 PM (IST)Updated: Thu, 04 Feb 2021 03:53 PM (IST)
Rajasthan: अशोक गहलोत ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल व रोजगार योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के दिए निर्देश
अशोक गहलोत ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल व रोजगार योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के दिए निर्देश। फाइल फोटो

जयपुर, जेएनएन। Rajasthan: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल व रोजगार से जुड़ी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं समावेशी विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। गांव-ढाणी में बैठे हर जरूरतमंद व्यक्ति को समय पर इनका लाभ मिले, इसके लिए मिशन मोड में काम करते हुए योजनाओं को गति दी जाए। गहलोत ने तीन फरवरी की शाम को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राज्य विकास समन्वय व निगरानी समिति (दिशा) की पहली बैठक को संबोधित कर रहे थे। करीब तीन घंटे तक चली इस बैठक में मुख्यमंत्री ने मनरेगा, प्रधानमंत्री फसल बीमा, जल जीवन मिशन, समग्र शिक्षा अभियान व नेशनल हेल्थ मिशन से संबंधित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन को रोजगार से जोड़ने के लिए मनरेगा योजना वरदान साबित हुई है। कोविड के चुनौतीपूर्ण दौर में इसकी महत्ता और बढ़ी है। राजस्थान इस योजना के क्रियान्वयन में सदैव अग्रणी रहा है। आगे भी इसी भावना के साथ काम किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि 100 दिन का रोजगार पूरा करने वाले बारां की सहरिया व खेरवा तथा उदयपुर की कथौड़ी जनजाति के मनरेगा श्रमिकों को 50 दिन का अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि बीते दो वर्षों में नियोजित परिवारों की संख्या 50.65 लाख से बढ़कर 69.96 लाख हो गई है। साथ ही, 99.69 प्रतिशत श्रमिकों को 15 दिवस में भुगतान सुनिश्चित किया गया।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य प्रीमियम की हिस्सा राशि देकर किसानों के फसल बीमा का भुगतान सुनिश्चित किया है। उन्होंने निर्देश दिए कि योजना की बाधाओं को दूर करने व पारदर्शितापूर्वक संचालन के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। इसके लिए अन्य राज्यों में किए गए नवाचारों का अध्ययन किया जाए। बैठक में बताया गया कि खरीफ-2019 में सभी 17 लाख 55 हजार किसानों के करीब 3153 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है। इसी प्रकार रबी 2019-20 में 920 करोड़ रुपये के क्लेम में से करीब 777 करोड़ रूपये का भुगतान किसानों को कर दिया गया है। रबी 2019-20 में आठ जिलों के काश्तकारों का फसल बीमा भुगतान लंबित था, जिसमें से सात जिलों के लिए राज्यांश प्रीमियम जारी कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हर गांव-ढाणी में स्वच्छ पेयजल पहुंचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए जल जीवन मिशन योजना को गति दी जाए। उन्होंने कहा कि राजस्थान की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र और राज्य की 50:50 की भागीदारी पर संचालित हो रही इस योजना के फंडिंग पैटर्न में बदलाव की आवश्यकता है। बैठक में निर्णय लिया गया कि केंद्र शासित प्रदेशों व उत्तर-पूर्वी व पहाड़ी राज्यों की तरह राजस्थान की दुर्गम व रेगिस्तानी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यहां भी यह योजना 90:10 की भागीदारी में संचालित करने के लिए केंद्र सरकार से फिर अनुरोध किया जाए। बैठक में बताया गया कि मिशन को गति देने के लिए सभी 33 जिलों में जिला स्तरीय तथा 43 हजार गांवों में से 38 हजार गांवों में ग्राम पेयजल स्वच्छता समितियों का गठन कर दिया गया है। शेष गांवों में भी जल्द ही इनका गठन हो जाएगा।

गहलोत ने कहा कि प्रदेश के गांव-ढाणी तक मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना हमारा मुख्य लक्ष्य है। इसको ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मॉडल सीएचसी विकसित की जाएं। राज्य की आवश्यकता के अनुरूप जिला अस्पतालों की संख्या बढ़ाने के लिए योजना तैयार की जाए। स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त चिकित्सा उपकरण व अन्य संसाधन उपलब्ध कराए जाएं, ताकि लोगों को इलाज के लिए शहरों तक न जाना पड़े। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के बेहतरीन क्रियान्वयन से मातृ व शिशु मृत्यु दर में उल्लेखनीय गिरावट आई है। साथ ही, वर्ष 2005 में प्रदेश में संस्थागत प्रसव मात्र 32 प्रतिशत होते थे, वे अब बढ़कर 84 प्रतिशत हो गए हैं।

बैठक में जलदाय मंत्री बीडी कल्ला, कृषि व पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया, चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, खान मंत्री प्रमोद जैन भाया, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा, महिला व बाल विकास राज्यमंत्री ममता भूपेश, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी, श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली, युवा मामलात राज्यमंत्री अशोक चांदना, विधायक महेन्द्र जीत सिंह मालवीय, जेपी चन्देलिया, राजकुमार गौड़ व वाजिब अली ने योजनाओं को लेकर सुझाव दिए। नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल भी वीसी से जुड़े।अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज रोहित कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव जलदाय सुधांश पंत, प्रमुख शासन सचिव शिक्षा अपर्णा अरोरा, प्रमुख सचिव कृषि कुंजीलाल मीणा, शासन सचिव चिकित्सा व स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन ने योजनाओं के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। इस अवसर पर मुख्य सचिव निरंजन आर्य, सचिव पंचायतीराज मंजू राजपाल, मनरेगा आयुक्त पीसी किशन भी उपस्थित थे।


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