Move to Jagran APP

Rajasthan: मेवाड़ शुगर मिल मामले में किसानों की अपील मंजूर, 4228 बीघा जमीन के अधिग्रहण पर रोक

Rajasthan मेवाड़ शुगर मिल के मामले में राजस्व मंडल ने किसानों की अपील मंजूर करने के साथ अपर जिला मजिस्ट्रेट उदयपुर के पूर्व में दिए फैसले पर अस्थायी रूप से रोक लगाते हुए मिल की 4228 बीघा कृषि भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगाते हुए यथास्थिति के आदेश दिए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 11 Feb 2021 09:13 PM (IST)Updated: Thu, 11 Feb 2021 09:13 PM (IST)
Rajasthan: मेवाड़ शुगर मिल मामले में किसानों की अपील मंजूर, 4228 बीघा जमीन के अधिग्रहण पर रोक
मेवाड़ शुगर मिल मामले में किसानों की अपील मंजूर, 4228 बीघा जमीन के अधिग्रहण पर रोक। फाइल फोटो

उदयपुर, संवाद सूत्र। Rajasthan: राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले के भूपालसागर स्थित मेवाड़ शुगर मिल के मामले में राजस्व मंडल ने किसानों की अपील मंजूर करने के साथ अपर जिला मजिस्ट्रेट उदयपुर के पूर्व में दिए फैसले पर अस्थायी रूप से रोक लगाते हुए मिल की 4228 बीघा कृषि भूमि के अधिग्रहण की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए यथास्थिति के आदेश दिए हैं। इस संबंध में क्षेत्र के दो सौ किसानों ने राजस्व मंडल अजमेर में अपील की थी। मेवाड़ शुगर मिल से संबंधित कृषि भूमि गांव रावतिया, बाल्दियों का खेड़ा, भूपालनगर आदि काश्तकारों की करीब 700 बीघा कृषि भूमि के संबंध में 200 किसानों ने राजस्व मंडल अजमेर में अपर जिला कलेक्टर उदयपुर के आदेश के विरुद्ध अपीलें प्रस्तुत की थी।

loksabha election banner

किसानों के एडवोकेट शिवनारायण जाट ने बताया कि राजस्व मंडल द्वारा किसानों की अपील मंजूर करते हुए रावतिया, बाल्दियों का खेड़ा, भूपालनगर आदि की कृषि भूमि की मौके व राजस्व रेकार्ड की यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिए हैं। अपर जिला कलेक्टर द्वारा उपरोक्त भूमि को बिलानाम करने व दो माह में किसानों से कब्जा लेने का आदेश दिया था। जबकि वर्तमान में उक्त भूमि पर किसानों की गेहूं, चना व अन्य फसलें खड़ी हैं। कब्जा लेने के आदेश से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होने की संभावना थी। परंतु किसानों को राजस्व मंडल से स्थगन आदेश मिलने से राहत मिली है। इन किसानों का करीब 50 वर्ष से अधिक समय से इन कृषि भूमियों कब्जा होकर काश्त कर रहे हैं।

जानें, क्या है मामला

चित्तौड़गढ़ के भूपालसागर स्थित सरकारी मेवाड़ शुगर मिल के पास कृषि उपज की 4228 बीघा भूमि उदयपुर जिले के सराड़ा, सलूम्बर तथा चित्तौड़गढ़ जिले के कपासन और भूपालसागर क्षेत्र में थी। जिसकी कीमत सौ करोड़ रुपये बताई गई। इस कृषि भूमि का अधिकांश हिस्सा महज पांच रुपये के स्टांप पर बेच दिया गया। इसको लेकर उदयपुर के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष वाद लंबित था। पिछले महीने सुनाए फैसले में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट उदयपुर ने मिल की 4228 बीघा कृषि भूमि को सरकारी कब्जे की मानी तथा उक्त भूमि को अतिक्रमण मुक्त कर सरकार को सौंपने की जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र के तहसीलदारों को सौंपी गई थी। इस संबंध में तहसीलदारों ने किसानों को नोटिस जारी किए थे। इधर, किसानों का कहना है कि 1962 से उक्त भूमि पर उनका कब्जा चला आ रहा है और उनके स्वामित्व की है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.