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Rajasthan: अजय माकन भी नहीं सुलझा पाए अशोक गहलोत व सचिन पायलट का विवाद

Rajasthan अजय माकन ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ मिलकर संभावित पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों की सूची तैयार की थी लेकिन इस सूची को गहलोत व पायलट दोनों ने ही मानने से इनकार कर दिया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 02 Jan 2021 03:32 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 08:26 PM (IST)
Rajasthan: अजय माकन भी नहीं सुलझा पाए अशोक गहलोत व सचिन पायलट का विवाद
अजय माकन भी नहीं सुलझा पाए अशोक गहलोत व सचिन पायलट का विवाद। फाइल फोटो

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। Rajasthan: कांग्रेस आलाकमान काफी मशक्कत के बावजूद राजस्थान के नेताओं का झगड़ा नहीं निपटा पा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रही सियासी जंग इस हद तक बढ़ गई कि पार्टी आलाकमान फैसलों की तारीख तय करने के बावजूद निर्णय नहीं कर पा रहा है। गहलोत व पायलट के बीच सहमति नहीं बन पाने के कारण ना तो पिछले छह माह से प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी गठित हो सकी और ना ही मंत्रिमंडल में फेरबदल व राजनीतिक नियुक्तियों का काम हो पा रहा है। प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी व जिला अध्यक्षों की नियुक्ति दिसंबर में करने की घोषणा की थी।

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माकन ने प्रदेश का दौरा कर कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया था कि दिसंबर में संगठनात्मक नियुक्तियों का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद जनवरी के पहले सप्ताह से सरकार को लेकर निर्णय होंगे। उन्होंने कहा था कि जनवरी में मंत्रिमंडल में फेरबदल व राजनीतिक नियुक्तियां हो जाएगी, लेकिन दोनों दिग्गजों के बीच चल रहे सियासी संघर्ष में माकन की बिल्कुल नहीं चल पा रही है। माकन ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ मिलकर संभावित पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों की सूची तैयार की थी, लेकिन इस सूची को गहलोत व पायलट दोनों ने ही मानने से इनकार कर दिया। सूत्रों के अनुसार, दोनों ने एक-दूसरे द्वारा सुझाए गए नामों पर सहमति नहीं दी। वहीं, जिन वरिष्ठ विधायकों को प्रदेश कांग्रेस कमेटी में पदाधिकारी बनाया जा रहा था, उनमें से कई ने संगठन में काम करने से इनकार कर दिया। विधायकों ने सरकार में काम करने की इच्छा जताई है। अधिकांश विधायकों ने मंत्री बनने की इच्छा जताई है।

वहीं, कुछ ने राजनीतिक नियुक्ति के माध्यम से सरकार में दखल रखने को लेकर अपनी बात आलाकमान तक पहुंचाई है। गहलोत व पायलट की सियासी जंग और विधायकों की इच्छा के चलते आलाकमान सत्ता व संगठन दोनों को लेकर कोई निर्णय नहीं कर पा रहा है। माकन जब मामले को सुलझाने में असहाय साबित होने लगे तो पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दखल किया, लेकिन वे भी अब तक कुछ खास नहीं कर पाए। सूत्रों के अनुसार, अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ही राजस्थान से जुड़े मामलों का निस्तारण करेंगे। उल्लेखनीय है कि गहलोत व पायलट के बीच चले विवाद का ही परिणाम है कि जिला परिषद व पंचायत समिति चुनाव में पार्टी की बुरी तरह से हार हुई। हालांकि पायलट के प्रभाव वाले इलाकों में कुछ हद तक सफलता जरूर मिली। 


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