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अजब—गजब: राजसमंद की किंजल ने सुनाई पूर्वजन्म की कहानी, सच्चाई जान हैरान रह गए इस जन्म और पूर्वजन्म के परिजन

एकबारगी यकीन नहीं हो पा रहा कि किंजल उनकी पूर्व जन्म की बेटी और बहन है। इधर किंजल के पिता रतन सिंह तथा मां दुर्गा देवी पूर्वजन्म की कहानी को लेकर हैरान हैं। वह बताते हैं कि किंजल अपने पूर्व जन्म की मां तथा भाइयों से रोजाना बात करती है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 05:08 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 05:08 PM (IST)
अजब—गजब: राजसमंद की किंजल ने सुनाई पूर्वजन्म की कहानी, सच्चाई जान हैरान रह गए इस जन्म और पूर्वजन्म के परिजन
फोटो किंजल और उसके पूर्वजन्म के परिजन। जागरण

उदयपुर, सुभाष शर्मा। पुनर्जन्म की बातों को लोग भले ही काल्पनिक या फिर अंधविश्वाससे जोड़ते हैं लेकिन राजसमंद जिले की चार साल की किंजल की बातें इसे प्रमाणित ठहराती हैं। किंजल ने अपने पूर्व जन्म की बातें अपने माता—पिता को बताई तो पहले उन्हें यकीन नहीं हुआ लेकिन जब वह उसके बताए गांव पहुंचे तो वह सच सामने आए तो सभी चकित रह गए। उसकी बताई हर बात सच्ची थी। जिसके बाद वह उसे उसके पूर्व जन्म के गांव लेकर पहुंचे तो वह अपने मकान, परिजनों तथा वहां के लोगों तथा गलियों को पहचानते हुए ऐसी घूमी जैसे वर्षों से यहीं रह रही हो।

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हम बात कर रहे हैं राजसमंद जिले के परावल गांव की। जिला मुख्यालय से लगभग 25 किेलोमीटर दूर इस गांव में चार साल पहले रतन सिंह चुण्डावत के घर बेटी का जन्म हुआ। जिसे परिजनों ने नाम दिया किंजल। उसके पिता बताते हैं कि सब कुछ सामान्य चल रहा था कि अचानक कुछ दिन पहले उनकी बेटी कहने लगी कि उसके माता—पिता पिपलांत्री गांव में रहते हैं। उसका नाम उषा था और उसकी मौत जलने से हुई थी। वह अपने दोनों भाइयों से मिलने जाना चाहती है।

शुरू में इस पर यकीन नहीं हुआ और परिजनों को लगा कि सब कुछ बालिका की जोड़ी गई बातें है। पिपलांत्री गांव उनके गांव से महज तीस किलोमीटर दूर था और वह पड़ताल करने पिपलांत्री पहुंचे तो वहां पता चला कि नौ साल पहले उषा नामक महिला की जलकर मौत हो गई थी। जिसके बाद पहली बार उन्हें पुनर्जन्म की कहानी पर थोड़ा बहुत यकीन आया। जिसके बाद वह अपनी बेटी को लेकर पिपलांत्री पहुंचे तो वह उस गांव में उस तरह चली जैसे वहां की हर गली को वह पहचानती हो। जबकि किंजल अपनी मां की गोद के अलावा किसी के पास नहीं जाती, वह पिपलांत्री गांव की सड़कों पर खुद दौड़ते हुए उषा के घर पहुंच गई। यह देखकर किंजल के परिजन ही नहीं, बल्कि उसके साथ गए ग्रामीण भी हैरान रह गए। नौ वर्ष पहले अपनी बेटी को खोने वाली पूर्व जन्म की उषा से मिलकर उसकी मां गीता पालीवाल तथा भाइयों की आंखोंमें आंसू टपकने लगे।

उन्होंने किंजल को बाहों में भर लिया। उन्हें एकबारगी यकीन नहीं हो पा रहा कि किंजल उनकी पूर्व जन्म की बेटी और बहन है। इधर, किंजल के पिता रतन सिंह चुण्डावत तथा मां दुर्गा देवी पूर्वजन्म की इस कहानी को लेकर हैरान हैं। वह बताते हैं कि किंजल अपने पूर्व जन्म की मां तथा भाइयों से अब दैनिक रूप से बात करती है। अब किंजल से उसके पूर्व जन्म उषा के परिजन मिलने आते हैं तो वह उनसे मिलती है तथा पुरानी बातें करती है। ?उषा विवाहित थी और उसके दो बच्चे प्रकाश और हिना हैं, जिनसे भी किंजल बात करने की जिद करती है तो वह उनसे भी बातें कराते हैं। हालांकि वह परेशान हैं कि इससे कहीं उसके मानसिक तथा शारीरिक विकास में कहीं कोई दिक्कत नहीं होगी। इस मामले में महाराणा भूपाल अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ सुशील खेराड़ा बताते हैं कि यह 'पार्ट ऑफ पैरासाइकोलॉजी' है। यह संभव हो सकता है।

दुनिया में इससे पहले भी इसी तरह के कुछ केस सामने आए हैं। वे लोग भी पिछले जन्म के अनुभवों को याद करने लगे थे। अकसर बच्चे जब बढ़े हो जाते हैं तो वह सामान्य हो जाते हैं फिर भी ऐसे मामलों में ज्यादा रिसर्च की जरूरत है। इधर, ज्योतिषविद् पंडित प्रदीप द्विवेदी का कहते हैं कि पिछले जन्म में किए गए कार्यों के आधार पर कई बच्चों को पिछले जन्म की स्मृति रहती हैं। हालांकि यह बढ़ती उम्र के साथ कम हो जाती है। यह पुनर्जन्म की अवधारणा को साबित करती है, जो सनातन धर्माम्बलंबी मानते चले आ रहे हैं।


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