Rajasthan: अहमद पटेल के निधन से राजस्थान की राजनीति में कई सवाल रह गए अनुत्तरित
Ahmed Patel वास्तव में अहमद पटेल ने राजस्थान में राजनीतिक संकट को हल किया और सचिन पायलट और उनके विधायकों को वापस पार्टी के पाले में लाया। अब कांग्रेस कार्यकर्ता यह जानने का इंतजार कर रहे हैं कि चीजें कैसे आगे बढ़ती हैं।
जयपुुर, आइएएनएस। Ahmed Patel: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के निधन से राजस्थान की राजनीति में कई अनुत्तरित सवाल रह गए हैं। एक ओर सभी राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है कि तीन सदस्यीय समिति में पटेल की जगह कौन लेगा। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने जुलाई में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया था। तब अहमद पटेल अजय माकन व केसी वेणुगोपाल के साथ विरोधी लॉबी की शिकायतों के निवारण के लिए बनाई गई समिति में थे। वास्तव में पटेल ने राजनीतिक संकट को हल किया और पायलट और उनके विधायकों को वापस पार्टी के पाले में लाया। अब कांग्रेस कार्यकर्ता यह जानने का इंतजार कर रहे हैं कि चीजें कैसे आगे बढ़ती हैं।
राजनीतिक नियुक्तियों की घोषणा कब जाएगी। मंत्रिमंडल विस्तार कब होगा। पायलट और उनके विधायकों को कितना महत्व दिया जाएगा, जो संकट के बाद उनके विभागों से बंट गए थे? राजनीतिक संकट के बाद जुलाई में भंग हुए पीसीसी का गठन फिर से कब किया जाएगा? क्या गहलोत निष्ठावान होंगे? इनके अलावा कई अन्य मुद्दे भी हैं, जिन पर राजस्थान में ध्यान देने की आवश्यकता है। चर्चा इस बात की है कि क्या पायलट को एआइसीसी में ऊपर उठाया जाएगा या गहलोत को लाभ मिलेगा। पायलट को अपने मंत्रालय में शामिल करेंगे या नहीं। अहमद पटेल के निधन के बाद पार्टी में सस्पेंस है कि चीजें कैसे आगे बढ़ेंगी।
बसपा के पूर्व विधायक जोगेंद्र सिंह अवाना ने कहा कि कैबिनेट और अन्य राजनीतिक नियुक्तियों में स्थान पाने के लिए वह अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। अवाना बसपा के पांच अन्य विधायकों के साथ कांग्रेस में शामिल हुए थे। उनके मुताबिक, कैबिनेट विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियों, बागी नेताओं के पुन: शामिल होने आदि का इंतजार किया था, लेकिन पटेल के निधन से बहुत अनिश्चितता पैदा हो गई है और सभी की निगाहें हैं राजस्थान पर हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि क्या गहलोत पायलट को पोर्टफोलियो दिया जाएगा या नहीं, यह हम सब देख रहे हैं।
सचिन पायलट ने बताया कि अहमद पटेल का निधन एक बड़ा नुकसान है। वह कांग्रेस के स्तंभ थे, उन्होंने सभी को एकजुट रखा। संकट के इस समय में पार्टी को एकजुट रहने की जरूरत है। बहुत जल्द राजस्थान में पीसीसी के प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा के अधीन एक नई टीम होगी।
इससे पहले माकन कोविड संक्रमित हो गए थे और वेणुगोपाल की मां का निधन हो गया था। अब, पटेल नहीं रहे हैं। इसलिए समय लग सकता है, लेकिन जल्द ही सबकुछ हल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जुलाई में राजस्थान की पीसीसी भंग कर दी गई थी और प्रत्येक जिले के लिए नई समितियों की घोषणा की जानी बाकी है। समिति के सदस्य, पटेल, माकन व वेणुगोपाल की निगरानी कर रहे थे। जमीनी नेताओं से फीडबैक लिया जाएगा।
तत्कालीन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को पायलट को पद से बर्खास्त करने के बाद नए पीसीसी प्रमुख के रूप में घोषित किया गया था। विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा के विभागों को भी हटा दिया गया था। पूर्व पीसीसी सदस्यों और इन पूर्व मंत्रियों को तीन सदस्यीय समिति के गठन के साथ उनके पुन: शामिल होने का इंतजार है। अब यह कैसे और कब होगा, यह एक बड़ा सवाल है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अहमद पटेल के निधन पर दुख व्यक्त किया। गहलोत ने उन्हें अपना करीबी दोस्त और एक विश्वसनीय साथी करार दिया। उन्होंने कहा कि यह पूरे राजनीतिक समुदाय और राष्ट्र के लिए एक बड़ी क्षति है। अहमद पटेल ने अपना पूरा जीवन कांग्रेस को समर्पित कर दिया।