Move to Jagran APP

पंजाब के बाद अब राजस्थान में सियासी संग्राम खत्म होने की उम्मीद: कांग्रेस आलाकमान खुद करेगा फैसला

Rajasthan Politicsl Crisisपंजाब के बाद अब राजस्‍थान कांग्रेस का सियासी लड़ाई खत्‍म होने की उम्‍मीद जतायी जा रही है। इसकी जिम्‍मेदारी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को दी गई है।आलाकमान उत्तर प्रदेश और पंजाब विधानसभा चुनाव को देखते हुए पायलट को नाराज नहीं करना चाहता है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 01:25 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 01:25 PM (IST)
पंजाब के बाद अब राजस्थान में सियासी संग्राम खत्म होने की उम्मीद: कांग्रेस आलाकमान खुद करेगा फैसला
राजस्थान में कांग्रेस का सियासी संग्राम खत्म होने की उम्मीद

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। पंजाब के बाद अब राजस्थान में कांग्रेस का सियासी संग्राम खत्म होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रहे विवाद को खत्म कराने की जिम्मेदारी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संभाली है। एक राष्ट्रीय पदाधिकारी के अनुसार आलाकमान उत्तर प्रदेश और पंजाब विधानसभा चुनाव को देखते हुए पायलट को नाराज नहीं करना चाहता है। आलाकमान चाहता है कि अगले माह से पायलट दोनों राज्यों का दौरा प्रारंभ करे। इससे पहले राजस्थान के विवाद का निस्तारण कर दिया जाएगा। राष्ट्रीय नेताओं का एक समूह पायलट को फिर से अध्यक्ष बनाने के पक्ष में हैं, हालांकि वह खुद इसके लिए तैयार नहीं है। मौजूदा अध्यक्ष डोटासरा गहलोत सरकार में शिक्षामंत्री भी हैं । ऐसे में उन्हे अध्यक्ष पद से हटाकर मंत्रिमंडल में ही रखा जा सकता है।डोटासरा खुद भी मंत्री रहना चाहते हैं । इस पदाधिकारी ने बताया कि राजस्थान में सत्ता व संगठन में होने वाले बदलाव को लेकर आलाकमान ने प्रारूप तैयार कर लिया है।

loksabha election banner

तरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी है । इसके तहत पायलट को राष्ट्रीय महासचिव बनाया जा सकता है। अब अगले कुछ दिनों में सोनिया गांधी सीएम गहलोत से टेलीफोन पर बात कर इस प्रारूप को लागू करने के लिए कहेगी । आलाकमान द्वारा किए गए फैसलों को लागू करने को लेकर समय सीमा तय की जाएगी । गहलोत के विश्वस्त एक केबिनेट मंत्री का कहना है कि सीएम मंत्रिमंडल में विस्तार करने को तैयार हैं,लेकिन जैसा पायलट चाहते हैं वैसा नहीं होगा । गहलोत अपनी मर्जी से मंत्रिमंडल में बदलाव करना चाहते हैं ।

गहलोत और माकन में बढ़ी दूरी

जानकारी के अनुसार गहलोत प्रदेश प्रभारी अजय माकन के रवैये से नाराज हैं। गहलोत को दरकिनार कर माकन द्वारा विधायकों व संगठन के नेताओं से मिलने और मंत्रिमंडल विस्तार पर राजनीतिक नियुक्तियों के बारे में चर्चा करने से नाराज है। वहीं माकन गहलोत के अड़ियल रूख से भी नाखुश है। माकन की कई कोशिशों के बावजूद पायलट खेमे के विधायकों व नेताओं को सत्ता में भागीदारी देने के लिए गहलोत तैयार नहीं हैं। विवाद सुलझाने को लेकर पिछले चार माह में माकन गहलोत से तीन बार मुलाकात कर चुके हैं। लेकिन गहलोत पायलट खेमे को सरकार में ज्यादा प्राथमिकता देने को तैयार नहीं है । पिछले दिनों इस संबंध में माकन ने अपना पक्ष कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के समक्ष रखा है।

पायलट दिल्ली में सक्रिय

दिन पहले पायलट की संगठन महासचिव के.सी.वेणुगोपाल व माकन के साथ लंबी मुलाकात हुई । दोनों ने पायलट को आश्वासन दिया कि राजस्थान में फेरबदल की कमान खूद आलाकमान संभालेगा । सूत्रों के अनुसार दोनों नेताओं ने पायलट से 15 अगस्त तक राज्य से जुड़े सभी फैसले करने की बात कही है । जिला कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों की घोषणा भी शीझा्र करने का वादा किया है ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.