विस. अध्यक्ष बनने के बाद अब सी.पी.जोशी को क्रिकेट की राजनीति से दूर होना होगा
सी.पी. जोशी के विधानसभा अध्यक्ष बनते ही उनके राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) अध्यक्ष पद पर बने रहने को लेकर सवाल खड़े होने शुरू हो गए है।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। सी.पी. जोशी के विधानसभा अध्यक्ष बनते ही उनके राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) अध्यक्ष पद पर बने रहने को लेकर सवाल खड़े होने शुरू हो गए है। ललित मोदी गुट के साथ ही क्रिकेट की राजनीति में सक्रिय जोशी विरोधी कांग्रेसी नेता भी आसीएस अध्यक्ष पद पर उनके बने रहने को लेकर सवाल उठाने में जुटे है। ये सभी फिलहाल जिला क्रिकेट संघों एवं आरसीएस के पदाधिकारियों के साथ मिलकर रणनीति बनाने में जुटे है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों में साफ लिखा है कि मंत्री और एक पब्लिक सर्वेंट क्रिकेट संघ में पदाधिकारी नहीं बन सकता है। विधानसभा अध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है,इस कारण उन्हे आरसीए अध्यक्ष पद छोड़ना होगा। हालांकि जोशी गुट फिलहाल उन्हे पद पर बरकरार रखने के प्रयास में जुटा है। सी.पी.जोशी के साथ ही जयपुर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष महेश जोशी को भी सरकारी मुख्य सचेतक बनाया गया है । जयपुर के हवामहल से विधायक महेश जोशी को भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल गया इस कारण उन्हे भी क्रिकेट की राजनीति से दूर होना होगा।
जोशी बोले जो वैधानिक होगा वहीं करेंगे
एक तरफ मोदी गुट का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें आरसीए से इस्तीफा दे देना चाहिए। लेकिन उनके नजदीकी लोग यह दलील दे रहे हैं कि उन्हें आरसीए से इस्तीफा देने की कोई जरूरत ही नहीं है। न तो वे मंत्री हैं और न ही पब्लिक सर्वेंट। हालांकि जोशी का कहना है कि,जो भी वैधानिक होगा, उसकी पालना की जाएगी। उन्होंने अभी तक इस पद से इस्तीफा नहीं दिया है।
कौन होगा उत्तराधिकारी
वैसे लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के अनुसार जोशी को आरसीए अध्यक्ष पद से हटना पड़ेगा। लेकिन अब सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर उनका उत्तराधिकारी कौन होगा। इसको लेकर कसरत तेज हो गई है। आरसीए के नए संविधान में डोमिसाइल की शर्त जुड़ने से ललित मोदी के बेटे रुचिर मोदी के रास्ते भी एक तरह से बंद हो गए है। ऐसे में शिवचरण माली और संयम लोढ़ा प्रमुख दावेदार माने जा रहे है।
माली मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निकट है,वहीं लोढ़ा जोशी के खास है। उल्लेखनीय है कि आरसीएस में चुनाव के बाद से ही विवाद चल रहा है ।आरसीए के चुनाव मई,2017 में हुए थे। उसमें जोशी अध्यक्ष बने थे,वहीं मोदी गुट के आर.एस.नांदू सचिव और भाजपा के पिंकेश पोरवाल कोषाध्यक्ष बने। वहीं कांग्रेस नेता इकबाल उपाध्यक्ष बने। जोशी और उनके विरोधियों के बीच चुनाव के बाद से ही विवाद शुरू हो गया।