Rajasthan: आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट कर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनने का दिया आशीर्वाद
Rajasthan अशोक गहलोत और सचिन पायलट की खींचतान के बीच कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम द्वारा सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी से प्रदेश की सियासत में कई तरह से चर्चा शुरू हो गई है। प्रमोद कृष्णम ने सोशल मीडिया पर पायलट को मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की खींचतान के बीच कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम द्वारा सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी से प्रदेश की सियासत में कई तरह से चर्चा शुरू हो गई है। प्रमोद कृष्णम ने सोशल मीडिया पर पायलट को मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया है। दरअसल, पायलट ने दो दिन पहले बयाना में की गई किसान महापंचायत के वीडियो और फोटो ट्वीट किए। इस पर कमेंट करते हुए प्रमोद कृष्णम ने लिखा, मुख्यमंत्री भव:। प्रमोद कृष्णम का यह आशीर्वाद पायलट खेमे को पंसद नहीं आया। बृहस्पतिवार को गहलोत खेमे के कई विधायक विधानसभा परिसर में प्रमोद कृष्णम की बात को गंभीर नहीं लेने को लेकर चर्चा करते रहे।
गहलोत समर्थक विधायक प्रमोद कृष्णम के ट्वीट को हंसी में टालते रहे। पायलट ने अब तक दो किसान महापंचायत की है। अब वे अगली किसान महापंचायत 17 फरवरी को जयपुर जिले में करेंगे। सीएम गहलोत ने मंगलवार को सोशल मीडिया को लेकर एक वीडियो मैसेज जारी किया था, जिसमें कहा था कि मैं चाहूंगा युवा पीढ़ी आगे आए। इस पर प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट कर पूछा कि क्या आपका इशारा सचिन पायलट की तरफ है।
अपनी ताकत दिखाने को पायलट ने दौसा में की किसान महापंचायत
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट एक बार फिर अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने में जुट गए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ अदावत और आलाकमान द्वारा किए गए वादे के बावजूद अपने समर्थकों को सरकार में स्थान नहीं मिलते देख पायलट ने शुक्रवार से अपनी ताकत दिखाने का अभियान शुरू किया है। जिलों में किसान महापंचायत कर पायलट गहलोत व पार्टी आलाकमान को अपनी ताकत का अहसास कराने जुटे हैं। इसी के तहत शुक्रवार को दौसा में हुई महापंचायत में केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज बुलंद की, वहीं पार्टी नेतृत्व को भी इशारों ही इशारों में उनकी सुनवाई करने के लिए कहा। इस दौरान पायलट ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की जमकर तारीफ की, लेकिन गहलोत का नाम तक नहीं लिया। उन्होंने राज्य सरकार की योजनाओं की चर्चा तक नहीं की।
उन्होंने कहा कि किसानों का भविष्य अंधकार में धकेला जा रहा है। सरकार को ये कृषि कानून वापस लेने ही होंगे। कृषि कानूनों से किसान का बड़ा नुकसान होने वाला है। किसान दिल्ली की सड़कों पर ठंड में बैठा है, लेकिन केंद्र सरकार की बेरूखी उन्हें यातना दे रही है। इस दौरान पायलट समर्थक आठ विधायक और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आधा दर्जन पदाधिकारी भी किसान महापंचायत में शामिल हुए। सभी विधायकों ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार पर हमला तो बोला, लेकिन प्रदेश की गहलोत सरकार का नाम तक नहीं लिया। पायलट 17 फरवरी को जयपुर जिले के कोटखावदा में किसान महापंचायत को संबोधित करेंगे। इस दौरान पायलट खेमे के सभी विधायकों व नेताओं को आमंत्रित किया गया है, लेकिन सरकार के किसी मंत्री अथवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को नहीं बुलाया गया।
जगन माडल पर राजस्थान में करेंगे राजनीति
पायलट ने आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी द्वारा अपनाई गई रणनीति को राजस्थान में अपनाने का निर्णय लिया है। जगनमोहन रेड्डी माडल के तहत मैदान में आम लोगों के बीच लगातार सक्रिय रहना, सही मौकों पर ताकत दिखाना और विधायकों से लेकर ब्लाक स्तर तक अपने समर्थकों को लगातार सक्रिय रखना पायलट का काम होगा। हालांकि, इससे कांग्रेस नेतृत्व की चिंता जरूर बढ़ सकती है।