Udaipur Tailor Murder Case: शक्ति और प्रहलाद की बदौलत पकड़े गए कन्हैया के हत्यारे, 20 किमी किया पीछा बताते रहे लोकेशन
Udaipur Killing कन्हैया लाल मर्डर केस के हत्यारों को पकड़ने में दो युवकों शाक्ति सिंह और प्रहलाद सिंह ने अहम भूमिका निभायी है । 20 किलोमीटर तक पीछा कर पुलिस को उनकी लोकेशन भेजते रहे। जिसके बाद पुलिस ने हत्यारे गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज को गिरफ्तार कर लिया।
उदयपुर, जागरण संवाददाता। देशभर में सुखियां बने उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों को पकड़वाने में भीम क्षेत्र के लसानी गांव के दो युवकों का अहम योगदान रहा। उन्होंने ना केवल कन्हैयालाल के हत्यारों को पहचाना, बल्कि उनका बीस किलोमीटर तक पीछा कर पुलिस को उनकी लोकेशन भेजते रहे। जिसके बाद पुलिस ने हत्यारे गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस भी मानती है कि यदि दोनों युवक उनकी मदद नहीं करते तो हत्यारे समय पर पकड़े नहीं जाते।
मिली जानकारी के अनुसार लसानी के युवक शक्ति सिंह और प्रहलाद सिंह की भीम थाना पुलिस और पुलिस अधिकारियों से अच्छी जान पहचान थी। उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड की नृशंस हत्या और हत्यारों का वायरल किया वीडियो उनके पास भी पहुंचा। उन्हें लगा कि भीम होकर अपराधी भाग सकते हैं। इसी बीच भीम थाने के पुलिसकर्मी बाबूसिंह का फोन भी उनके पास आया और आशंका जताई कि हत्यारे भीम से होकर भीलवाड़ा-देवगढ़ मार्ग से फरार हो सकते हैं।
चालीस मील नाम से प्रसिद्ध इस मार्ग पर ना तो सीसीटीवी कैमरे हैं और ना ही पुलिस थाना और चौकी। ऐसे में बाबूसिंह ने उन युवकों से मदद मांगी थी। बाबूसिंह ने हत्यारों की बाइक नंबर 2611 के बारे में उन्हें बता दिया। जिस पर वह सूरजपुरा के बस स्टैण्ड पर हर आने-जाने वालों पर नजर रखे हुए थे। शाम पांच बजे के आसपास अपराधियों के हुलिए से मिलते-जुलते दो युवक बाइक से वहां गुजरे और उनकी बाइक का नंबर भी 2611 था।
इसकी जानकारी उन्होंने सिपाही बाबूसिंह को अन्य पुलिस अधिकारियों को दी। जिस पर पता चला कि पुलिस हत्यारों से काफी दूर है और वहां पहुंचने में उन्हें वक्त लगेगा। पुलिस उप अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने दोनों युवकों को हत्यारों का पीछा करने का आग्रह किया तो वह बिना सोचे-समझे बाइक स्टार्ट कर उनके पीछे चल दिए।
बाइक की रफ्तार कम कर धमकाया
इसका पता हत्यारों को लग गया था कि उनका पीछा किया जा रहा है तो उन्होंने अपनी बाइक की रफ्तार कम करके पहले उन्हें धमकाया और बाद में तेज गति से भागने लगा। इस पर दोनों युवक सुरक्षित दूरी बनाकर उनका पीछा करते रहे। युवकों का कहना था कि उन्हें शंका थी कि उनके पास हथियार होंगे। इस बीच हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए निकली पुलिस टीम के मुखिया वीरेंद्र सिंह ओसिया चालीस मील रोड पर दल-बल के साथ पहुंच गए थे।
पुलिस को शेयर करते जा रहे थे लोकेशन
दोनों युवक पुलिस को हत्यारों की लोकेशन शेयर करते जा रहे थे। लगभग बीस किलोमीटर पीछा करने के बाद भीम-ब्यावर रोड पर दोनों ओर से आई पुलिस ने दोनों हत्यारों को दबोच लिया। इस तरह दोनों युवकों की सूझबूझ के चलते कन्हैयालाल के हत्यारे समय पर पकड़े जा सके। राजसमंद के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवलाल बैरवा ने भी इस बात की पुष्टि की है कि इन युवकों की मदद से पुलिस को काफी मदद मिली और समय पर आरोपी दबोच जा सके। इन युवकों की बहादुरी को करणी सेना ने उन्हें सम्मानिक करने की घोषणा की है, जबकि भीम विधायक सुदर्शन सिंह रावत ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उन्हें राज्य सरकार की ओर से सम्मानित किए जाने के आग्रह के साथ सरकारी सेवा में लिए जाने की मांग की है।