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Rajasthan: अलवर में मूक-बधिर नाबालिग से दुष्कर्म मामले में घटनास्थल से सबूत मिटाने का आरोप

Rajasthan अलवर में मूक-बधिर नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म के ग्यारह दिन बाद भी पुलिस आरोपितों की तलाश नहीं कर सकी है। पुलिस कभी दुष्कर्म तो कभी सड़क दुर्घटना बता रही है। इसी बीच उस पुलिया से सबूतों को साफ कर दिया गया जहां पीड़िता लहूलुहान हालत में मिली थी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 07:17 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 07:17 PM (IST)
Rajasthan: अलवर में मूक-बधिर नाबालिग से दुष्कर्म मामले में घटनास्थल से सबूत मिटाने का आरोप
अलवर में मूक-बधिर नाबालिग से दुष्कर्म मामले में घटनास्थल से सबूत मिटाने का आरोप। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के अलवर में मूक-बधिर नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म के ग्यारह दिन बाद भी पुलिस आरोपितों की तलाश नहीं कर सकी है। पुलिस कभी दुष्कर्म तो कभी सड़क दुर्घटना बता रही है। इसी बीच, शुक्रवार को उस तिजारा पुलिया से सबूतों को साफ कर दिया गया, जहां पीड़िता लहूलुहान हालत में मिली थी। पुलिस लगातार दो दिन तक सीन रिक्रिएट किया गया। पुलिया पर उस स्थान को दस दिन तक घेर कर रखा गया था, जहां पीड़िता मिली थी। लेकिन शुक्रवार को नगर परिषद के सफाईकर्मियों ने वहां सफाई कर दी। ऐसे में भाजपा नेता और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी सफाई को सबूत मिटाने की योजना मान रहे हैं। जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया और पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम इस बारे में बोलने को तैयार नहीं है। दोनों जांच जारी होने की बात कहते हैं।

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भाजपा ने पुलिस पर निशाना साधा

भाजपा के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि पुलिस लीपापोती की कोशिश में जुटी है। उन्होंने कहा कि चारों तरफ से पड़े दबाव के बाद राज्य सरकार ने सीबीआइ को मामला सौंपने के लिए केंद्र सरकार को पत्र तो लिख दिया, लेकिन लगता नहीं है कि पुलिस सभी सबूत सीबीआइ को सौंपेगी। सबूत मिटाने की कोशिश पुलिस के रवैये पर सवाल खड़े कर रही है। सिख समाज के प्रतिनिधियों का कहना है कि पुलिया पर जेसीबी से सफाई कर दी गई, झाडू लगा दी गई। यह सबूत साफ करने की कोशिश है। सिख महिला संगठन की रीटा सेठी ने कहा कि अब तक पुलिस अधीक्षक तीन बार बयान बदल चुकी है। घटना के अगले दिन 12 जनवरी को उन्होंने दुष्कर्म बताया, फिर दो दिन बाद कहा कि मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म साबित नहीं हो रहा है। 14 तारीख को उन्होंने फिर कहा कि दुष्कर्म से इन्कार नहीं किया जा सकता है। अब दो दिन से यह साबित करने का प्रयास किया जा रहा है कि फूड डिलीवरी करने वाले युवक ने उसे मोटरसाइकिल से टक्कर मारी थी। उल्लेखनीय है कि 11 जनवरी की देर रात मूक-बधिर नाबालिग लहूलुहान हालत में अलवर की तिजारा पुलिया पर मिली थी। उस समय यह सामने आया था कि कुछ लोग सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद उसे वहां फेंक गए।

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लगता है अलवर में नाबालिग बिटिया से सामूहिक अनाचार के सबूत मिटाए जा रहे हैं। इस अति संवेदनशील मामले में राजस्थान सरकार और प्रशासन की गतिविधियां संदेहास्पद हैं। घटनास्थल की सफाई की कलेक्टर - एसपी को जानकारी तक नहीं। जनता कितनी निराश होगी जानकर कि जिस सरकार से उसे बिटिया को न्याय दिलाने की उम्मीद है वही अपराधियों को बचाने के लिए सबूतों का सफाया कर रही है। #Rajasthan - Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) 22 Jan 2022


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