Rajasthan: पानी न मिलने से मासूम ने तोड़ा दम, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री शेखावत ने कांग्रेस पर साधा निशाना
जोधपुर में एक 6 वर्षीय बालिका की पानी न मिलने के कारण मौत हो गई। बच्ची अपनी नानी के साथ पैदल जा रही थी। पानी के अभाव में हुई मौत पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया।
जोधपुर, जागरण संवाददाता। जोधपुर संभाग के जालौर जिले के रानीवाड़ा क्षेत्र के में एक 6 वर्षीय बालिका की पानी नहीं मिलने के कारण से मौत हो गई। 6 वर्षीय मासूम अपनी नानी के साथ पैदल जा रही थी जहां अत्यधिक गर्मी से जहां रेत के टीलों के बीच पानी नहीं मिलने के कारण बालिका ने दम तोड़ दिया वही बच्ची की वृद्ध नानी भी बेहोश हो गई। वहां से गुजर रहे चरवाहे की नजर उन पड़ी, जिसके बाद पुलिस को इत्तला दी गयी। मौके पर पहुची पुलिस ने नानी को पानी पिलाया और दोनों को अस्पताल पहुचाया, जहां छह वर्षीय बालिका अंजली को मृत बताया गया। नानी की हालत में सुधार है। घटना रविवार की बताई गई है। पानी के अभाव में हुई मौत पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया है।
जानकारी के मुताबिक रानीवाड़ा तहसील अंतर्गत डूंगरी निवासी वृद्ध महिला सुखीदेवी का सिरोही जिले के मंडार के समीप रायपुर में पीहर है, जहा से वापस आने के लिए कोई साधन नही मिलने पर दोनों पैदल ही चल पड़े, लेकिन बीच मार्ग गर्मी के बढ़ने ओर कोई साधन नहीं होने के कारण उनकी प्यास बढ़ गयी। पानी नहीं के कारण प्यास ने 6 वर्षीय बालिका की जिंदगी लील ली। वही जानकारी मिलने पर मौके पर पहुची पुलिस ने सबसे पहले वृद्धा को पानी पिलाया, तब तक बालिका मारे प्यास के दम तोड़ चुकी थी।
मासूम की प्यास से मृत्यु को केंद्रीय मंत्री ने बताया बेहद दुखदायी घटना, कहा ,"जल से लोगों को वंचित रखना घोर पाप है गहलोत जी केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जालौर जिले के रानीवाड़ा क्षेत्र में प्यास से छह वर्षीय मासूम की मृत्यु पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। शेखावत ने कहा कि अपनी राजनीति के लिए लोगों को जल जैसे मूल संसाधन से वंचित रखना घोर पाप है गहलोत जी। प्यास से 6 साल की बच्ची की मृत्यु राजनीति के मापदंड से भी अमानवीय है। ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण और बेहद दुखदायी है। मैं प्रभु से उस छोटी बच्ची की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। मंगलवार को शेखावत ने कहा कि राजस्थानवासियों के लिए इससे बड़ी विडंबना और क्या होगी?
एक ओर जल जीवन मिशन के तहत देशभर के करोड़ों परिवारों तक नल से जल पहुंचे और दूसरी ओर राजस्थान में प्यास के कारण एक बच्ची की मृत्यु हो जाए। प्रश्न है कि गहलोत सरकार ने जल जीवन मिशन में मिली राशि का उपयोग क्यों नहीं किया? प्रश्न है कि, गहलोत सरकार जल जीवन मिशन को गंभीरता से क्यों नहीं ले रही? उन्होंने कहा कि आज ग्रामीण क्षेत्रों में नल कनेक्शन देने के मामले में राजस्थान, देश के 33 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 29वें स्थान पर है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साल 2020-21 में राजस्थान सरकार को नल लगाने के लिए 2522 करोड़ रुपए का आवंटन किया था, जिसमें से केवल 630 करोड़ रुपए ही खर्च किए। क्यों? गहलोत सरकार असंवेदनशील है। वह केंद्र की योजनाओं से दूरी बनाती है। चाहे लाखों लोग मुसीबत में हों, उनकी जान जोखिम में हो, उन्हें परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि इस साल 2021-22 में राजस्थान को पिछले वर्ष से चार गुना अधिक 10,180.50 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। शेखावत ने कहा कि मोदी सरकार का संपूर्ण प्रयास है कि जल्द से जल्द मरुभूमि के कोने-कोने तक पाइपलाइन का जाल बिछे और हर राजस्थानी के घर में नल से पर्याप्त जल प्राप्त हो।