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Rajasthan: एक साल में भ्रष्टाचार के 445 मामले सामने आए, जयपुर में सर्वाधिक 55 मामले पकड़े

Corruption Case In Rajasthan. भाजपा की पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के वक्त वर्ष 2018 में भ्रष्टाचार के कुल 372 मामले सामने आए थे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 12:05 PM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 12:05 PM (IST)
Rajasthan: एक साल में भ्रष्टाचार के 445 मामले सामने आए, जयपुर में सर्वाधिक 55 मामले पकड़े
Rajasthan: एक साल में भ्रष्टाचार के 445 मामले सामने आए, जयपुर में सर्वाधिक 55 मामले पकड़े

जयपुर, जेएनएन। Corruption Case In Rajasthan. सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि राजस्थान में पिछले एक वर्ष में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भाजपा की पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के वक्त वर्ष 2018 में भ्रष्टाचार के कुल 372 मामले सामने आए थे, जबकि अशोक गहलोत नीत मौजूदा कांग्रेस सरकार के पहले वर्ष 2019 में सरकारी अफसरों व कर्मचारियों के भ्रष्टाचार के मामलों की संख्या 445 हो गई है। जयपुर में सर्वाधिक 55 मामले पकड़े गए हैं। भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों से 1.60 करोड़ रुपये की रिश्वत बरामद की गई है।

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राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया की ओर से पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में राज्य सरकार ने वर्ष 2019-20 में भ्रष्टाचार के मामलों की जानकारी दी। इन प्रकरणों पर कार्रवाई के लिए गृह विभाग के तहत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो गठित है। यह पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में काम करता है। कटारिया ने सरकार से पूछा था कि नई सरकार के सत्ता में आने के बाद जनवरी 2019 से जनवरी 2020 के बीच राजस्थान में सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति और अन्य अनियमितताओं के कितने मामले दर्ज किए गए हैं।

293 गिरफ्तार किए गए

सरकार की ओर से दिए गए जवाब में बताया गया है कि राजस्थान में जनवरी 2019 से जनवरी 2020 के बीच सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के 28, पद के दुरपयोग व अन्य अनियमितताओं के 91 और रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने के 326 मामले उजागर हुए। इस तरह कुल 445 मामले दर्ज किए गए हैं। 

इन मामलों में अब तक 293 अधिकारी और कर्मचारी गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं। इनके खिलाफ मामले दर्ज हुए हैं इनमें पुलिस के अतिरिक्त कमिशनर, को-ऑपरेटिव मैनेजर, सरपंच, विभागों के डायरेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी, थानाधिकारी और सरपंच से लेकर कांस्टेबल, लिपिक तक सभी तरह के अधिकारी कर्मचारी शामिल है। इन अधिकारियों और कर्मचारियों से रिश्वत के रूप में ली गई एक करोड़ 60 लाख 95 हजार 715 रुपए की राशि बरामद की गई है। दर्ज मामलों में से 66 मामलों में न्यायालय में चालान पेश किया गया है और मामलों की सुनवाई चल रही है। फैसला अभी किसी भी केस में नहीं आया है।

सरकार ने बताया कि है कि भ्रष्टाचार के मामलों की गोपनीय सूचना देने के लिए विभाग की ओर से एक टेलीफोन नंबर जारी किया गया है। इसके अलावा यह भी निर्देश दिए गए हैं कि कोई व्यक्ति भ्रष्टाचार की सूचना देता है तो संबंधित विभाग में उसका आगे कोई उत्पीडन न हो, इसका ध्यान रखा जाए।

बड़े जिलों में ज्यादा मामले

जिला भ्रष्टाचार के मामले

जयपुर 55

अजमेर 20

जोधपुर 22

कोटा 28

उदयपुर 28

भीलवाड़ा 26

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