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ITI: राजस्थान में 400 से ज्यादा निजी आइटीआइ संस्थानों में मिलीं अनियमितताएं

irregularities in ITI. 243 आइटीआइ केंद्र ऐसे हैं जो जांच के दौरान बंद मिले। वहीं 106 आइटीआइ केंद्र ऐसे थे जिनके पास भवन तो था लेकिन कर्मचारी और छात्र नहीं थे।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 04:40 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 12:29 PM (IST)
ITI: राजस्थान में  400 से ज्यादा निजी आइटीआइ संस्थानों में मिलीं अनियमितताएं
ITI: राजस्थान में 400 से ज्यादा निजी आइटीआइ संस्थानों में मिलीं अनियमितताएं

जयपुर, जेएनएन। irregularities in ITI. राजस्थान की 400 से अधिक निजी आइटीआइ (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) केंद्रों की जांच में कई अनियमितताएं मिली हैं। राजस्थान के श्रम विभाग ने सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग को इन आइटीआइ केंद्रों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति भी रोकने के लिए कहा है।

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राजस्थान में आइटीआइ में कौशल दक्षता के पाठयक्रम भी चलते हैं। इसी के तहत राजस्थान के श्रम विभाग ने पिछले दिनों निजी आइटीआइ संस्थानों की जांच कराई थी। इन केंद्रों पर पांच तरह की अनियमितताएं पाई गईं हैं। 243 आइटीआइ केंद्र ऐसे हैं, जो जांच के दौरान बंद मिले। वहीं, 106 आइटीआइ केंद्र ऐसे थे, जिनके पास भवन तो था, लेकिन कर्मचारी और छात्र नहीं थे। इसके अलावा 62 आइटीआइ केंद्र ऐसे थे, जिनमें स्कूल या अन्य कोई काम किया जा रहा था। 23 आइटीआइ केंद्रों ने स्वयं ही बंद किए जाने का आवेदन दे रखा है। वहीं, 22 निजी आइटीआइ केंद्रों ने निरीक्षण और जांच कराने से ही इन्कार कर दिया।

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि आइटीआइ केंद्रों के संचालक अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को मिलने वाली छात्रवृत्ति खुद रख लेते थे और इसके बदले इस वर्ग के छात्र-छात्राओं को बिना कुछ सिखाए दो वर्ष का डिप्लोमा दे रहे थे। ये केंद्र दसवीं या बारहवीं फेल छात्र-छात्राओं को प्रवेश कर उन्हें छात्रवृत्ति का आवेदन करवाते थे और फिर उन्हें छात्रवृत्ति के रूप में मिलने वाली राशि फीस के नाम पर खुद ले लेते थे।

राजस्थान के श्रम आयुक्त डाॅ समित शर्मा ने सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभााग से कहा है कि इन केंद्रों की छात्रवृत्ति रोक दी जाए। आइटीआइ केंद्रों से नोटिस दे कर जवाब भी मांगा गया है। इनमें से 32 ने अभी तक जवाब दिया है। अजमेर में 52, बीकानेर में 28, भरतपुर में 32, जयपुर में 217, जोधपुर में 14 और कोटा में 97 तथा 16 केंद्रों की अनियमितताएं पाई गई है। 

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