Rajasthan: राजस्थान में 2019 में भ्रष्टाचार के मामले में 309 सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार
Government Employees Arrested. एसीबी की पकड़ में आए नारकोटिक्स विभाग के डिप्टी कमिश्नर सहीराम मीणा के पास 200 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Government Employees Arrested. राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने साल 2019 में भ्रष्टाचार से जुड़े 424 मामले दर्ज कर 309 सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पकड़ा है। इन लोगों से 1.58 करोड़ रुपये बरामद किए गए। एसीबी की कार्रवाई में खान विभाग में रिश्वत के बड़े खेल का खुलासा हुआ। एसीबी की पकड़ में आए नारकोटिक्स विभाग के डिप्टी कमिश्नर सहीराम मीणा के पास 200 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ। वहीं, खान विभाग के दो बड़े अधिकारियों को पकड़ा गया इनमें अधीक्षण अभियंता दीवान सिंह देवाड़ा के पास 125 करोड़ और पन्नालाल मीणा की 100 करोड़ रुपये की संपति का खुलासा हुआ।
एसीबी के महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने बताया कि अधिकारियों-कर्मचारियों की ओर से रिश्वत की राशि लेने या रिश्वत मांगने के संबंध में 309 प्रकरण दर्ज हुए हैं, जिनमें 61 राजपत्रित अधिकारी और 248 अराजपत्रित अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने से संबंधित आरोप पर 27 मामले दर्ज हुए हैं। इसके साथ ही पद के दुरुपयोग करने से संबंधित आरोप पर 88 प्रकरण दर्ज किए गए। उन्होंने बताया कि पूरे साल में 238 प्रकरणों में दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध चालान व 98 प्रकरणों में अंतिम प्रतिवेदन कोर्ट में पेश किए गए।
282 प्रकरण निस्तारित, 142 प्रकरणों में हुई सजा
त्रिपाठी ने अभियोजन से संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि कुल 282 प्रकरण निस्तारित किए गए हैं। न्यायालय के माध्यम से 142 प्रकरणों में सजा हुई है, जो 54.40 फीसद है। उन्होंने बताया कि ट्रैप में 124, पद के दुरुपयोग में 13 एवं आय से अधिक संपत्ति के पांच प्रकरणों में सजा हुई है। इसी प्रकार 119 प्रकरणों में आरोपित बरी हुए हैं। ट्रैप में 93, पद के दुरुपयोग में 18 एवं आय से अधिक संपत्ति के आठ प्रकरणों में आरोपित बरी हुए हैं। आरोपितों की मृत्यु की वजह से 21 प्रकरण खत्म किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि जो मामले दर्ज हुए, उनमें पुलिस विभाग के 90 प्रकरण,राजस्व विभाग के 53, पंचायत राज के 30, ऊर्जा विभाग के 19, शिक्षा विभाग के 14, नगरीय विकास एवं स्थानीय निकाय के 12, चिकित्सा विभाग के 10 अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ मामले दर्ज हुए। अन्य विभागों से संबंधित 81 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। एक साल में 1.58 करोड़ रुपये रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए बरामद किए गए।