Rajasthan: वृद्धा के पित्त की थैली से निकाली 300 पथरी
Rajasthan गगवाना गांव की रहने वाली 80 साल की वयोवृद्ध महिला के पित्त की थैली से 300 पथरी निकाले जाने का मामला प्रकाश में आया है। मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के गैस्ट्रो एंड लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ एसपी जिंदल ने यह ऑपरेशन किया।
अजमेर, संवाद सूत्र। Rajasthan: राजस्थान के अजमेर जिले के गगवाना गांव की रहने वाली 80 साल की वयोवृद्ध महिला के पित्त की थैली से 300 पथरी निकाले जाने का मामला प्रकाश में आया है। मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के गैस्ट्रो एंड लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ एसपी जिंदल ने यह ऑपरेशन किया। इस केस को अंतरराष्ट्रीय पत्रिका में प्रकाशन के लिए भेजा जा रहा है। उपचार के बाद वृद्धा पूर्ण स्वस्थ है, उन्हें हॉस्पिटल से छुट्टी दी जा चुकी है। वृद्धा हुसनो के पुत्र शखावत मोहम्मद ने बताया कि अचानक पेट में असहनीय दर्द की शिकायत पर उन्होंने अपनी माताजी को मित्तल हॉस्पिटल के आपात कालीन विभाग में भर्ती कराया था। जहां जांच में रोगी की पित्त की थैली में पथरी व सूजन पाई गई। रोगी की पित्त की थैली आश्चर्यजनक रूप से फूली हुई थी तथा उसमें छोटी व बड़ी तकरीबन 300 पथरियां थीं।
हॉस्पिटल के गैस्ट्रो एंड लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ एसपी जिंदल ने बताया कि सामान्य तौर पर पित्त की थैली में 1 या 2 से लेकर 25 से 30 पथरियां पाई जाती हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह का मामला पहली बार सामने आया है, लिहाजा वे इसे अंतरराष्ट्रीय पत्रिका में प्रकाशन के लिए भेजने का विचार रखते हैं। पीड़िता हुसनो ने बताया कि वह खेतीबाड़ी करती है, उसने पहले कभी पथरी के कारण कोई दर्द महसूस नहीं किया। थोड़ा बहुत दर्द रहा भी होगा तो ध्यान नहीं दिया। पिछले सप्ताह उसके पेट का दर्द इतना असहनीय रहा कि उसे हॉस्पिटल लाया गया। हुसनो ने बताया कि वह अब पूरी तरह स्वस्थ्य व दर्द मुक्त हैं।
गौरतलब है कि मित्तल हॉस्पिटल में अब पेट के सभी प्रकार के ऑपरेशन जैसे पित्त की थैली व नली की पथरी, हर्निया, अपेंडिक्स, आंत के कैंसर व आंत में रुकावट, हाईटस हर्निया, मोटापे की सर्जरी इत्यादी का दूरबीन से इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही लीवर, पैन्क्रियाज, पीलिया इत्यादि के ऑपरेशन भी गैस्ट्रोसर्जन डॉ एसपी जिंदल के नेतृत्व में किए जा रहे हैं। निदेशक मनोज मित्तल ने बताया कि मित्तल हॉस्पिटल में कोविड-19 की सभी गाइडलाइन का शत-प्रतिशत पालन किया जा रहा है। रोगी के प्रवेश के समय स्क्रीनिंग की सुविधा, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना, मास्क की अनिवार्यता और सैनिटाइजेशन नियमों का पूर्ण पालन हो रहा है।