हिंदुस्तान जिंक को 2500 करोड़ की रॉयल्टी चोरी का नोटिस, खान विभाग ने जारी किया नोटिस
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में 2500 करोड़ रुपए की रॉयल्टी चोरी की बात सामने आई है। इससे राज्य सरकार को रॉयल्टी की लगभग 2500 करोड़ रुपए से ज्यादा की राजस्व हानि हुई है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान की सबसे बड़ी खनन कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में 2500 करोड़ रुपए की रॉयल्टी चोरी की बात सामने आई है। इस पर स्टेट डायरेक्ट्रेट आॅफ रेवेन्यू इंटलिजेंस विभाग (एसडीआरआई) ने हिंदुस्तान जिंक को रॉयल्टी वसूली का नोटिस दिया है। दरअसल, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड राजस्थान में लेड व जिंक का उदयपुर, अजमेर व भीलवाड़ा जिलों में खनन कर रही है।
एमएमडीआर-1957 के अधिनियम के तहत खननकर्ता कंपनी को उत्खनन से प्राप्त खनिज और उससे प्राप्त उप उत्पादों की जानकारी केन्द्र सरकार के भारतीय खान ब्यूरो और राज्य सरकार के विभाग खान एवं भू-विज्ञान विभाग को देनी होती है। एसडीआरआई में दर्ज स्वप्रेरित प्रकरण की विस्तृत जांच में खुलासा हुआ कि कंपनी पिछले कई वर्षों से उप उत्पाद के रूप में प्राप्त होने वाले चांदी एवं कैडमियम की सही मात्रा की जानकारी राज्य सरकार को नहीं दी जा रही थी। इससे राज्य सरकार को रॉयल्टी की लगभग 2500 करोड़ रुपए से ज्यादा की राजस्व हानि हुई है।
एसडीआरआई ने भारतीय खान ब्यूरो और राज्य सरकार के विभाग खान एवं भू-विज्ञान विभाग को उपलब्ध कराए गए वर्ष 2012-13 से वर्ष 2017-18 तक के हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड के उत्पादन के आंकड़ों की जांच करने पर रॉयल्टी चोरी का खुलासा हुआ है।
जांच में हुआ खुलासा
हिंदुस्तान जिंक को उप उत्पाद के रूप में प्राप्त होने वाली चांदी के आकड़ों में बड़ा अंतर सामने आया है । हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा खान एवं भू-विज्ञान विभाग को जो आंकड़े प्रस्तुत किए गए है वो भारतीय खान ब्यूरो को प्रस्तुत किए गए आकड़ों से मात्रा में कम है। इस संबंध में जब एसडीआरआई ने जांच की तो कंपनी द्वारा की जा रही हेरा-फेरी का खुलासा हुआ। हिंदुस्तान जिंक द्वारा उत्खनित खनिजों पर रॉयल्टी राज्य सरकार द्वारा वसूल की जाती है। एसडीआरआई के अधिकारियों ने जब खनिज चांदी के आंकड़ों का विष्लेषण किया तो पाया गया कि वर्ष 2012-13 से 2017-18 तक हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा चांदी के 3645.10 क्विंटल उत्पादन की जानकारी नहीं दी गई है।
खान एवं भू-विज्ञान विभाग के अतिरिक्त निदेशक (खान) सर्तकता दीपक तंवर ने हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को 30 दिन की वसूली नोटिस जारी किया है। 30 दिन में कंपनी द्वारा गत 10 वर्षों की घोषित चांदी पर दी गई रॉयल्टी की सही सूचना खान विभाग को नहीं दिए जाने पर 2500 करोड़ की वसूली की जाएगी।