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Mass Marriage Ceremony: उदयपुर में पांच राज्यों के 21 दिव्यांग जोड़े सामूहिक विवाह समारोह में परिणय सूत्र में बंधे

Rajasthan उदयपुर में नारायण सेवा संस्थान की ओर से आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में शनिवार को पांच राज्यों के 21 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। सभी जोड़ों ने संस्थान के 19 साल पुराने अभियान ‘दहेज को कहें ना!’ के जरिये संदेश दिया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 11 Sep 2021 02:27 PM (IST)Updated: Sat, 11 Sep 2021 02:27 PM (IST)
Mass Marriage Ceremony: उदयपुर में पांच राज्यों के 21 दिव्यांग जोड़े सामूहिक विवाह समारोह में परिणय सूत्र में बंधे
उदयपुर में पांच राज्यों के 21 दिव्यांग जोड़े सामूहिक विवाह समारोह में परिणय सूत्र में बंधे। फाइल फोटो

उदयपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान के उदयपुर में नारायण सेवा संस्थान की ओर से आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में शनिवार को पांच राज्यों के 21 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। 36वें सामूहिक विवाह समारोह में सभी जोड़ों ने संस्थान के 19 साल पुराने अभियान ‘दहेज को कहें ना!’ के जरिये संदेश दिया। वहीं, आमजन से कोविड का टीका लगवाने के आग्रह के साथ उन्हें टीकाकरण के लिए प्रेरित किया। सामूहिक विवाह समारोह के सिलसिले में अनेक राज्यों के जोड़ों ने संस्थान से संपर्क किया। किन्तु कोविड-19 के कारण संस्थान ने पांच राज्यों के जोड़ों को शार्टलिस्ट किया और इस तरह 21 जोड़ों ने वैवाहिक जिंदगी में पहला कदम रखा। कोरोना महामारी की तय गाइडलाइन के चलते संस्थान की ओर से प्रत्येक प्रवेश और निकास द्वार पर मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता संबंधी मानकों का पालन किया गया और इस तरह कोविड -19 की आशंका को रोकने के लिए संस्थान त्रिस्तरीय सुरक्षा का पालन सुनिश्चित की गई।

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विवाहित जोड़ों में शामिल 26 वर्षीय दिव्यांग रोशन लाल ने 32 वर्षीय कमला कुमारी को अपना जीवन साथी बनाया है। रोशन लाल राजस्थान में रीट परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इस परीक्षा की तैयारी से संबंधित कक्षाओं का निशुल्क संचालन व कौशल प्रशिक्षण कक्षाओं का आयोजन नारायण सेवा संस्थान द्वारा किया जाता है। इसी तरह रोशन लाल कहते हैं, ‘‘जीवन से अनेक मुकाम ऐसे आते हैं, जब हम कुछ सबक सीखते हैं। ऐसे में आपको लगता है कि अगर थोड़ा-बहुत सपोर्ट मिल जाए, तो आगे बढ़ा जा सकता है। संस्थान के सहयोग से अब हम अब एक नए जीवन की ओर बढ़ रहे हैं। मुझे यकीन है कि मैं इस जीवन में किसी दिन एक अच्छा शिक्षक भी बन पाऊंगा।’’24 वर्षीय दिव्यांग संत कुमारी कहती हैं, ‘‘हर दिव्यांग यही चाहता है कि समाज में उसके साथ समान और न्यायपूर्ण व्यवहार किया जाए।’’ शादी के बाद वह अपने सिलाई स्किल के जरिए खुद का स्टार्टअप शुरू करना चाहती हैं, ताकि वह न केवल अपने पति मनोज का सहारा बन सके, बल्कि जीवन में आर्थिक सहायता भी जुटा सके।

संस्थान अब तक 2109 दिव्यांग जोड़ों की करा चुका है शादी

संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल के मुताबिक, दिव्यांग सामूहिक विवाह समारोह एक ऐसा आयोजन है जो हमारे दिल के बहुत करीब है। हम ‘दहेज को कहें ना!’ अभियान के 19वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं और हमें इस बात की खुशी है कि हमारे प्रयासों को लोगों ने सराहा है। संस्थान ने अब तक 2109 जोड़ों को एक खुशहाल और समृद्ध वैवाहिक जीवन जीने में मदद की है। वर्षों से हम निशुल्क सुधारात्मक सर्जरी, राशन किट का वितरण, दिव्यांगों के लिए कृत्रिम अंग शिविरों का संचालन कर रहे हैं। साथ ही, कौशल विकास कक्षाओं और सामूहिक विवाह समारोहों के साथ-साथ प्रतिभा विकास गतिविधियों के माध्यम से दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। विवाह समारोह में शामिल टाटा मोटर्स के मनोज कुमार सहित अन्य कई प्रतिनिधि शामिल हुए। पदमश्री से सम्मानित कैलाश मानव ने विवाह बंधन में जुड़े जोड़ों को आशीर्वाद दिया।  


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