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Investment in Rajasthan: राजस्थान में 2000 निवेशकों ने निवेश की इच्छा जताई

investment in Rajasthan. उद्योग विभाग के इस राजउद्योगमित्र पोर्टल पर दो हजार से अधिक निवेशकों ने आवेदन कर उद्योग लगाने की मंशा जताई है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 24 Oct 2019 03:37 PM (IST)Updated: Thu, 24 Oct 2019 03:37 PM (IST)
Investment in Rajasthan: राजस्थान में 2000 निवेशकों ने निवेश की इच्छा जताई
Investment in Rajasthan: राजस्थान में 2000 निवेशकों ने निवेश की इच्छा जताई

जयपुर, जेएनएन। राजस्थान में उद्योग लगाने के लिए तीन वर्ष तक किसी सरकारी अनुमति की जरूरत नहीं होने के राज्य सरकार के निर्णय के बाद राजस्थान में दो हजार से ज्यादा निवेशकों ने निवेश की इच्छा जताई है। इनके लिए सरकार अब कुछ और रियायतें और दिसंबर तक नई उद्योग व निवेश नीति लाने की तैयारी कर रही है।

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राजस्थान मे मौजूदा सरकार ने कुछ माह पहले यह फैसला किया था कि राजस्थान में उद्योग लगाने के लिए तीन वर्ष तक उद्यमियों को किसी भी तरह की सरकारी अनुमति या मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी। नया उद्योग लगाने के लिए बस सरकार को सूचित करना पर्याप्त कर दिया गया था। इसके लिए उद्योग विभाग का एक पोर्टल बनाया गया है। उद्योग विभाग के इस राजउद्योगमित्र पोर्टल पर दो हजार से अधिक निवेशकों ने आवेदन कर उद्योग लगाने की मंशा जताई है। सरकार के उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री परसादी लाल मीणा का कहना है कि यह बहुत अच्छे संकेत है और राजस्थान की इस क्रांतिकारी पहल को केंद्र सहित करीब 14 प्रदेश इस कानून को अपने प्रदेशों में लागू करने के लए अध्ययन करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब हम दिसंबर तक राज्य में नई औद्योगिक नीति और नई निवेश प्रोत्साहन योजना लागू करने जा रहे है।

प्रदेशवासियों को यह सरकार के एक वर्ष का बड़ा तोहफा होगा। मीणा ने हाल में राज्य के 24 औद्योगिक परिसंघों, चार विशेष आमंत्रित सदस्यों सहित औद्योगिक सलाहकार समिति के उद्योग, वित्त, राजस्व, रीको, श्रम सहित 14 विभागों के प्रतिनिधियों से नई औद्योगिक नीति के प्रारुप पर चर्चा भी की। उन्होेंने बतायसा कि राजस्थान की नई औद्योगिक नीति निवेशोन्मुखी होने के साथ ही नई जारी होने वाली निवेश प्रोत्साहन योजना भी उद्योगोें को बढ़ावा देने वाली होगी। मीणा ने बताया कि सरकार उद्योगों को और भी कई रियायते और सुविधाएं देने की तैयारी कर रही है ताकि निवेश और रोजगार बढ सके।

उद्योग मंत्री ने माना कि उद्योगों को सस्ती और अन्य प्रदेशों की तुलना में प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर बिजली मिलनी चाहिए। इसके लिए ओपन एक्सेस व्यवस्था पर भी पुनर्विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसी भी हिस्से में कलस्टर आधारित या विशेष जोन आधारित उद्योग लगाने के प्रस्ताव आते हैं तो इनका स्वागत किया जाएगा। इसके अलावा सरकार ने जिला व राज्य स्तर पर डिस्पुट रिड्रेसल मैकेनिज्म विकसित करने के साथ ही एक की जगह चार एमएसएमई काउंसिल गठित कर बड़ी राहत दी है।इसके साथ ही राज्य सरकार जल्दी ही नई ऋण योजना लाने जा रही है जिससे प्रदेश में उद्योग लगाना और आसान हो जाएगा।

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