Coronavirus: राजस्थान में कोरोना के 1793 नए मामले और 14 मौतें
Coronavirus राजस्थान में कोरोना वायरस के 17495 सक्रिय मामलों और 1293 लोगों की मौतों सहित कुल मामलों की संख्या बढ़कर 109473 हो गई है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Coronavirus: राजस्थान में वीरवार को कोरोना के 1793 नए मामले सामने आए और 14 मौतें दर्ज की गईं। राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, प्रदेश में 17,495 सक्रिय मामलों और 1,293 मौतों सहित कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1,09,473 हो गई है। इस बीच, राजस्थान में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच भाजपा ने प्रदेश में लॉकडाउन लागू करने की मांग की है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सप्ताह में अंतिम दो दिन और राज्य विधानसभा में भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने 15 दिन का लॉकडाउन लागू करने की मांग की है। दोनों नेताओं ने कहा कि सरकार कोरोना संक्रमितों का इलाज करने में नाकाम साबित हो रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रचार के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग करते हैं,धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा।
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष व सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना महामारी पर लगाम लगाने में विफल साबित हो रही है। अस्पतालों में मरीजों को सही तरह से इलाज नहीं मिल पा रहा है। सरकार को लॉकडाउन लागू करना चाहिए। वहीं, बेनीवाल ने एक बार फिर जयपुर की प्राइवेट लैब में कोरोना टेस्ट कराया, जिसकी रिपोर्ट में वे निगेटिव मिले हैं। इससे पहले बेनीवाल तीन बार टेस्ट करा चुके हैं। लोकसभा परिसर में कराई गई जांच में वे पॉजिटिव मिले। इसके बाद उन्होंने जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में टेस्ट कराया तो यहां निगेटिव मिले। बेनीवाल ने ट्वीट कर कहा कि इंडियन मेडिकल कांउसिल द्वारा अप्रूव्ड निजी लैब डॉ. बीलाल क्लीनिक से कोरोना की जांच कराई, जिसकी रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। यह मेरी चौथी निगेटिव रिपोर्ट है। फिर लोकसभा परिसर में मेरी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर काउंसिल को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
प्लाज्मा देने वालों की कमी, कोरोना के मामले एक लाख नौ हजार के पार
प्रदेश में अब तक एक लाख 9 हजार से अधिक संक्रमित मिलने के साथ ही 1293 लोगों की मौत हुई है। पिछले तीन दिन में प्रतिदिन संक्रमितों की संख्या 1800 के आसपास सामने आ रही है। उधर, भय और जागरुकता की कमी के कारण प्लाज्मा दान करने वालों की संख्या बहुत कम है। चिकित्सा विभाग द्वारा काफी प्रयास किए जाने के बावजूद प्लाज्मा करने वालों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है। चिकित्सकों के अनुसार, माइल्ड सिम्टम वाले मरीजों के लिए प्लाज्मा काफी उपयोगी है, लेकिन जैसे-जैसे मामलों में बढ़ोतरी हो रही है उस लिहाज से प्लाज्मा दान करने वालों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है। यही कारण है कि अब प्लाज्मा के लिए कोरोना पीड़ितों के परिजनों को दर-दर भटकना पड़ रहा है।
जयपुर सवाई मान सिंह अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि कोरोना से रिकवर हुए पुलिसकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी और बीएसएफ के जवानों के अलावा अन्य लोग भी प्लाज्मा दान कर रहे हैं, लेकिन जिस अनुपात में प्लाज्मा की जरूरत है उतना दान नहीं हो रहा है। इसी अस्पताल में 166 में से 164 मरीज प्लाज्मा के चलते ठीक हो गए। चिकित्सकों का कहना है कि क्रिटिकल और वेंटीलेटर की स्थिति वाले मरीजों के लिए प्लाज्मा थैरेपी कारगर नहीं हैं, लेकिन शुरुआती स्तर पर ही मरीज को प्लाज्मा मिल जाए तो उसे गंभीर स्थिति में जाने से बचाया जा सकता है। चिकित्सकों का मानना है कि डर के कारण लोग आगे नहीं आ पा रहे है, लेकिन उनको समझना होगा कि प्लाज्मा देने से किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है। कोरोना से ठीक होने वाले लोग चार महीने तक ही प्लाज्मा दान कर सकते हैं ।