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13 क्रेडिट सोसायटियों ने किया 20 हजार करोड़ का घोटोला, लगाम लगाने को सरकार बना रही कानून

13 क्रेडिट सोसायटियों ने किया 20 हजार करोड़ का घोटोला-संपति बेची जाएगी जिलों में खुलेंगे डेजिग्नेटेड कोर्ट -सोसायटियों पर लगाम लगाने के लिए सरकार बना रही कानून

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 12:58 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 12:58 PM (IST)
13 क्रेडिट सोसायटियों ने किया 20 हजार करोड़ का घोटोला, लगाम लगाने को सरकार बना रही कानून
13 क्रेडिट सोसायटियों ने किया 20 हजार करोड़ का घोटोला, लगाम लगाने को सरकार बना रही कानून

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान की 13 क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों द्वारा 20 हजार करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी किए जाने का मामला सामने आने के बाद अब राज्य सरकार सख्त हो गई है। सरकार ने नई सोसायटियों का रजिस्ट्रेशन बंद करने के साथ ही इन पर लगाम लगाने के लिए कानून बनाने का निर्णय किया है। कानून को लेकर विधानसभा के आगामी सत्र में विधेयक पारित कराया जा सकता है।

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सरकार ने तय किया है कि छोटे-छोटे निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करने वाली सोसायटियों की संपति बेचकर निवेशकों को रकम लौटाई जाएगी। इसके लिए सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार को अधिकार दिए गए हैं। इसके साथ ही जिला मुख्यालयों पर डेजिग्नेटेड कोर्ट खोले जाएंगे। राजस्थान एसओजी की जांच में सामने आया कि सबसे बड़ा फ्रॉड आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी ने 14 हजार 800 करोड़ का घोटाला किया। इसके साथ ही संजीवनी क्रेडिट सोसायटी ने 1100 करोड़, नवजीवन क्रेडिट सोसायटी ने करीब 500 करोड एवं फॉर्च्यून क्रेडिट सोसायटी ने 100 करोड़ का घोटाला किया। इन सोसायटियों के संचालकों ने अपने रिश्तेदारों और कर्मचारियों को फर्जी लोन बांटकर धोखाधड़ी की। कई जगह सोसायटियों ने अपने कार्यालय बंद कर दिए और निवेशकों के पैसे हड़प कर संचालक फरार हो गए। इन तीनों सोसायटियों ने राजस्थान के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, बिहार एवं हरियाणा के लोगों के पैसे हड़पे हैं।

1300 पंजिकृत सोसायटियों में 13 के खिलाफ एसओजी की जांच

राज्य के सहकारिता विभाग में 1300 क्रेडिट सोसायटियां पंजीकृत है। इनमें 72 मल्टी स्टेट सोसायटियां शामिल है। मल्टी स्टेट सोसायटियों में शामिल 13 के खिलाफ एसओजी ने करीब डेढ़ साल पहले जांच शुरू की जो अब तक जारी है। आधा दर्जन के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर संचालकों को जेल भेजा जा चुका है। 387 सोसायटियों को अवसायन में लाकर पंजीकरण रद्द किया जा रहा है। सबसे बड़ा घोटाला आदर्श क्रेडिट सोसायटी ने किया।

सिरोही में मुख्यालय खोलकर देशभर में अपना जाल बिछाया और फिर 20 लाख लोगों से 14 हजार 800 करोड़  ठगे। सोसायटी ने देश के विभिन्न राज्यों में 806 शाखाएं खोली और फिर निवेशकों से जमा हुई राशि में से 12 हजार 414 करोड़ रिश्तेदारों एवं नौकरों की फर्जी कंपनियों में लोन के रूपए में बांट दिए। बाद में इसे डूबा हुआ दिखा दिया। इस सोसायटी के मुख्य कर्ताधर्ता वीरेंद्र मोदी सहित परिवार 11 लोग जेल में है।

नवजीवन सोसायटी के प्रबंधक गिरधर सिंह को गिरफ्तार किया। इसने बाड़मेर सहित देशभर में 228 शाखाएं खोली और 1 लाख 93 हजार निवेशकों से करीब 500 करोड़ का निवेश कराया। इसी तरह संजीवनी क्रेडिट सोसायटी ने राजस्थान में 211 और गुजरात में 26 शाखाएं खोलकर एक लाख 46 हजार 991 निवेशकों से 1100 करोड़ रूपए की धोखाधड़ी की।

सरकार ने अब यह कदम उठाया

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना का कहना है कि क्रेडिट सोसायटियों की ठगी रोकने के लिए सरकार नया कानून बनाने की तैयारी कर रही है। मामले की जांच एसओजी कर रही है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर सीबीआई को भी जांच सौंपी जा सकती है।

सरकार ने तय किया है कि पंजीकृत सोसायटियों को प्रत्येक माह की 7 तारीख तक अपनी मासिक रिपोर्ट सहकारिता विभाग में भेजनी होगी। क्रेडिट सोसायटियों में रियल स्टेट एवं अन्य जोखिम वाले निवेश बंद कर दिए गए हैं। सोसायटियों के संचालक यदि निवेशकों से लुभावने वादे करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। सहकारिता रजिस्ट्रार नीरज.के.पवन ने बताया कि निवेशकों से धोखाधड़ी करने वाली सोसायटियों की संपतियां निलाम कर निवेशकों को पैसा लौटाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए "द बैनिंग आॅफ अनरेग्यूलेटेड डिपोजिट स्कीम एक्ट-2019 ' के तहत रजिस्ट्रार के पास सोसायटियों की संपति बेचकर निवेशकों को रकम लौटाने का अधिकार है । इस पर कार्रवाई शुरू की जाएगी ।


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