नशा बेचने का विरोध करने वाले युवक की हत्या में चार पर केस
जागरण संवाददाता, अजनाला (अमृतसर) अजनाला के चक मिश्री खां गांव में हेरोइन के टीके लगाकर नशा तस्करों
जागरण संवाददाता, अजनाला (अमृतसर)
अजनाला के चक मिश्री खां गांव में हेरोइन के टीके लगाकर नशा तस्करों ने एक युवक की हत्या कर दी। घटना के दो महीने बाद लोपोके थाने की पुलिस ने चार लोगों पर हत्या का मामला दर्ज किया है। हालांकि अब तक किसी आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। सबसे हैरानी वाली बात यह है कि थाना प्रभारी कपिल कौशल घटना से अनभिज्ञता जता रहे हैं। उन्होंने बताया कि हत्या को लेकर उन्हें ना तो पीड़ित परिवार ने सूचित किया है और ना ही किसी अस्पताल ने।
फिलहाल लोपोके पुलिस ने बल¨वदर कौर के बयान पर चक्क मिश्री खां गांव निवासी मुख्तियार ¨सह, उसकी पत्नी पल¨वदर कौर, उसके बेटे सितारा ¨सह उर्फ भोलू, बेटी कंवलजीत कौर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। इंस्पेक्टर कपिल कौशल ने दावा किया है कि हत्यारोपितों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इस तरह हुई हत्या
बल¨वदर कौर ने लोपोके थाने की पुलिस को बताया है कि कुछ साल पहले उनके पति दयाल ¨सह की मौत हो गई थी। वह अपने बेटे सुरजीत ¨सह, बहू कंवलजीत कौर, पोते और छोटे बेटे काला ¨सह के साथ रह रही है। काला ¨सह की कुछ समय पहले टाटा नगर में नौकरी लग गई थी। अब सुरजीत ¨सह ही परिवार का पालन पोषण कर रहा था। बल¨वदर कौर ने आरोप लगाया कि गांव के बाहर रहने वाले मुख्तियार ¨सह का गांव में नशा बिकता है। बेटा सुरजीत ¨सह अकसर अपनी मोटर पर जाता तो वहां मुख्तियार ¨सह अपने परिवार के साथ नशा बेचता मिलता। इसे लेकर सुरजीत ¨सह का कई बार आरोपितों के साथ विवाद भी हुआ था। सुरजीत ने घटना से कुछ दिन पहले मुख्तियार को चेतावनी दी थी कि अगर उसने धंधा बंद नहीं किया तो वह पुलिस को शिकायत करेगा।
बल¨वदर कौर ने बताया कि 23 अप्रैल की रात सुरजीत ¨सह घर नहीं लौटा। उसी रात उसकी एक बाजू में हेरोइन का टीका लगा दिया गया। जब सुरजीत की मौत नहीं हुई तो आरोपितों ने 24 अप्रैल की रात सुरजीत की गर्दन में टीका लगा दिया। 25 अप्रैल की सुबह बेसुध हालत में सुरजीत अमरीक ¨सह के घर के बाहर पड़ा मिला। उसे अस्पताल में दाखिल करवाया गया। दम तोड़ने से पहले सुरजीत ने सारा घटनाक्रम अपनी मां, पत्नी और गांव के गुर¨वदर ¨सह को बताया था।
12 जून को सीएम ने दिए थे जांच के आदेश
गांव के गुर¨वदर ¨सह ने बताया कि गांव के लोगों ने संयुक्त रूप से एक पत्र मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर ¨सह को लिखा था। सीएम कार्यालय से उसका जवाब 12 जून 2018 को पीड़ित परिवार को दिया गया था। उसमें गृह मंत्रालय के मुख्य सचिव को आदेश दिया गया था कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाए। गुरविंदर ¨सह ने बताया कि उक्त जवाब की एक कॉपी लोपोके थाना प्रभारी कपिल कौशल के मोबाइल नंबर पर भी वॉट्सएप की गई थी लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।
शिकायत मिलते ही की एफआइआर दर्ज : थाना प्रभारी
थाना प्रभारी इंस्पेक्टर कपिल कौशल ने बताया कि पीड़ित परिवार कभी उनके पास शिकायत लेकर नहीं पहुंचा। जब उन्हें घटना के बारे में पता चला तो परिवार को बुलाया गया था। शिकायत मिलते ही चार आरोपितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर दी गई है।
हर जानकारी रखना पुलिस की ड्यूटी : कानून माहिर
कानून विशेषज्ञ रवि महाजन ने बताया कि अपने इलाके में होने वाले प्रत्येक अपराध के बारे में जानकारी रखना पुलिस का पहला फर्ज होता है। पुलिस का अपना नेटवर्क और खुफिया तंत्र होता है। हत्या, दुष्कर्म, अपहरण और फिरौती जैसे संगीन अपराध की सूचना पुलिस को अपने गुप्त सूत्रों से भी मिलती है। उक्त घटना पर गौर किया जाए तो पुलिस का लापरवाही वाला रवैया सामने आ रहा है। बाक्स..
नशे का बिकना सरकार और पुलिस की मिलीभुक्त- आप नेता संजीव लांबा
आप नेता संजीव लांबा ने बताया कि कैप्टन सरकार ने कसम ली थी कि वह चार सप्ताह में प्रदेश से नशे को समाप्त कर देंगे। उक्त मामले में पुलिस ने नशा तस्करों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की। स्पष्ट है कि सरकार नशा रोकने में सक्षम नहीं है। पुलिस भी नशे के खिलाफ केवल नाम के ही अभियान चला रही है और नशे की डोज से जनता मौत के मुंह में जा रही है।