पंजाब के बहादुर बेटे सुखबीर सिंह को गममीन माहौल में अंतिम विदाई, श्रद्धांजलि देने उमड़े लोग
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में पाकिस्तानी सैनिकों की गोलीबारी में बलिदान हुए सुखबीर सिंह के अंतिम दर्शन के लिए लोग उमड़ पड़े। शाम करीब चार बजे शहीद सुखबीर का पार्थिव शरीर लेकर सेना के जवान गांव में पहुंचे। अपने लाडले को देखकर परिवार के लोगों का बुरा हाल हो गया।
तरनतारन, जेएनएन/एएनआइ। पंजाब के बहादुर बेटे सुखबीर को आज बेहद गमगीन माहौल में उनके गांव ख्वासपुर में अंतिम विदाई दी गई। उनको श्रद्धांजलि देने भारी संख्या में लोग उमड़ पड़े। गांव के मिडिल स्कूल के परिसर में बलिदानी सुखबीर सिंह का अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के समय सेना द्वारा सलामी की परंपरा नहीं निभाई गई। बताया गया कि पार्थिव शरीर को गांव भेजने से पहले उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में सलामी दी गई थी। लाडले बेटे को देखकर परिवार के लोगों के धैर्य का बांध टूट गया। लोग शहीद सुखबीर सिंह अमर रहें और भारत माता की जय के घोष कर रहे हैं। इस दौरान लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
जांबाज सुखबीर शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी में पाकिस्तानी सेना द्वारा नियंत्रण रेखा (एलओसी) की गई फायरिंग में बलिदान हाे गए थे। शहीद सुखबीर सिंह के पार्थिव शरीर को एक वाहन में लेकर सेना के जवान और अफसर पहुंचे। सेना के जवान ताबूत को कंधा देकर उनके घर तक लाए। इस दौरान जिले के अधिकारी, कई नेता और प्रमुख लोगों ने देश पर कुर्बान हुए सुखबीर सिंह काे श्रद्धांजलि दी। बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शहीद सुखबीर सिंह के परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता राशि और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का शुक्रवार को ही ऐलान कर दिया था।
लाडले को निहारते शहीद सुखबीर सिंह के पिता व अन्य लोग।
फौज की टुकड़ी द्वारा अंतिम संस्कार में बलिदानी को सलामी देने की परंपरा पूरी नहीं दी गई। इस पर परिवारिक सदस्यों ने खुलकर रोष जाहिर किया। शहीद सुखबीर सिंह के माथे पर बहनों ने सेहरा सजाते उसे अंतिम विदाई दी। जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के सुंदरबनी इलाके में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सुखबीर सिंह की शुक्रवार की सुबह शहादत हुई थी। इसके बाद परिवार द्वारा सुखबीर सिंह के पार्थिव शरीर का इंतजार किया जा रहा था। लंबे इंतजार के बाद सवा चार बजे दोपहर शहीद का पार्थिव शरीर लेकर फौज की टुकड़ी उसके घर पहुंची।
अंतिम संस्कार लिए सरकारी मिडल स्कूल में प्रशासन द्वारा जगह दी गई। यहां पर सुखबीर सिंह की यादगार बनाई जाएगी। अंतिम संस्कार मौके सेना कर टुकड़ी द्वारा शहीद को सलामी नहीं दी गई। बताया गया कि सेना ने पार्थिव शरीर रवाना करते उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में सलामी दी थी। अंतिम संस्कार के समय सांसद और क्षेत्र के विधायक मौजूद नहीं थे। डीसी कुलवंत सिंह धूरी व एसडीएम रोहित गुप्ता ही प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर अंतिम संस्कार मौके मौजूद थे।
मार्केट कमेटी चेयरमैन शुबेग सिंह धुन्न, कांग्रेसी नेता सिकंदर सिंह वराणा, अकाली नेता दलबीर सिंह जहांगीर, रमनजीत सिंह भरोवाल, कुलदीप सिंह औलख, भूपिंदर सिंह टीटू, भूपिंदर सिंह ख्वासपुरा ने शहीद के परिवार से दुख जाहिर किया। सरपंच जगरूप सिंह ने पंचायत की ओर से शहीद को श्रद्धांजलि दी गई। चिता को मुखाग्नि पिता कुलवंत सिंह ने दी।
जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए सैनिक के परिवार ने कहा पाक के इरादे है नापाक
इससे पहले शहीद सुखबीर सिंह के घर में सुबह से ही क्षेत्र के लोगों का तांता लगना शुरू हो गया। ग्रामीण पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। सुबह ही घर के आंगन में बैठे पिता कुलवंत सिंह को दिलासा देने डीसी कुलवंत सिंह धूरी भी पहुंचे। हालांकि उम्मीद थी कि सुबह दस बजे तक शहीद की पार्थिव देह गांव पहुंच जाएगी, लेकिन बाद में पता चला कि इसमें देरी होगी। गांव के सरकारी स्कूल में शहीद का अंतिम संस्कार करने की तैयारी पूरी कर ली गई थ्सी। इस बाबत एसडीएम रोहित गुप्ता द्वारा प्रबंधों का जायजा लिया गया था।
बलिदानी सुखबीर सिंह का पार्थिव शरीर लेकर पहुंचे सेना के जवान।
बार-बार बेहोश हो रही है बहन
सुखबीर सिंह की मां जसबीर कौर, बहन दविंदर कौर व कुलविंदर कौर का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। देश के लिए शहीद हुए अपने भाई की तस्वीर से बातें करते कुलविंदर कौर बार-बार बेहोश हो जाती थी। उसने कहा कि आए दिन पाक के नापाक इरादे सामने आ रहे है। आखिर पाकिस्तान से आर-पार की लड़ाई कब होगी।
शहीदों के परिवारों में भी गुस्सा
कारगिल शहीद नायब सूबेदार करनैल सिंह की पत्नी रंजीत कौर, पलविंदर सिंह की पत्नी बलजीत कौर मल्लमोहरी, बलदेव सिंह की पत्नी बलजीत कौर भुल्लर ने कहा कि पाक की ओर से भारतीय सैनिकों की जो शहादत की गई है। उसका बदला हमारे देश की फौज जल्द लेगी। उधर गांव वेईपुई निवासी शहीद परमजीत सिंह की पत्नी परमजीत कौर का कहना है कि समय-समय पर पाक को नापाक इरादे बाबत भारतीय सेना द्वारा सबक सिखाया जाता है। पर इसके बावजूद भारतीय सैनिकों की शहादत हो रही है।
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