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दरिया ब्यास की मार का नुकसान झेल रही है किसानों की तीसरी पीढ़ी

1953 में माझा और मालवा को जोड़ने लिए ब्यास दरिया पर पुल बनाया गया था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2020 11:09 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 11:09 PM (IST)
दरिया ब्यास की मार का नुकसान झेल रही है किसानों की तीसरी पीढ़ी
दरिया ब्यास की मार का नुकसान झेल रही है किसानों की तीसरी पीढ़ी

धर्मबीर सिंह मल्हार, चोहला साहिब : 1953 में माझा और मालवा को जोड़ने लिए ब्यास दरिया पर पुल बनाया गया था। जिसके साथ हरिके हेड वर्कस का निर्माण हुआ। उस दिन से लेकर आज तक दरिया ब्यास के तेज बहाव की लपेट में हजारों एकड़ जमीन आ रही है। जिसके साथ किसानों की बर्बादी का दौर शुरू हो गया है। किसानों की तीसरी पीढ़ी दरिया ब्यास की मार झेल रही है। हर वर्ष उजाड़े का सामना कर रहे किसानों ने सरकार से गुहार लगाई है कि उनकी जमीन एक्वायर कर दी जाए।

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दरिया हरिके पत्तन के आसपास गांवों के हो रहे उजाड़े के बारे में किसान सुखदेव सिंह, प्रगट सिंह, दलबीर सिंह, काबल सिंह, दारा सिंह ने बताया कि 1953 में माझा और मालवा को जोड़ने लिए दरिया हरिके पर पुल का निर्माण किया गया था। पुल निर्माण के बाद देश को हरिके पत्तन बर्ड सेक्चुअरी सौगात के रूप में मिली। जबकि गांव चंबा कलां, धुन्न ढाए वाला, कंबोह ढाए वाला, करमूवाला, गुजरपुरा, मुंडापिंड, घड़का आदि गांवों की करीब 28 हजार एकड़ उपजाऊ जमीन दरिया ब्यास के तेज बहाव वाले पानी की मार झेल रही है। आम तौर पर धान की रोपाई के बाद जब दरिया ब्यास में जल स्तर बढ़ता है तो पानी का बहाव बदलता रहता है। जिसका असर अगले वर्ष में गेहूं की बिजाई पर भी पड़ता है। पशुओं का चारा भी नष्ट हो जाता है।

किसान उजाड़ा और मुआवजे की प्रक्रिया से आ चुके हैं तंग

किसानों ने बताया कि बाढ़ की मार झेलने वाली उपजाऊ जमीन की गिरदावरी के बाद सरकार मुआवजा तो देती है, परंतु यह राशि कुछ भी नहीं होती। पहले छह हजार प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा मिलता था। अब मुआवजा राशि दुगनी हो चुकी है। 2019 में बाढ़ की मार में आई जमीन के बदले अभी तक मुआवजा नहीं मिला। जबकि आने वाले दिनों में उनकी जमीन फिर बर्बाद होने वाली है। किसान मेवा सिंह, मंगल सिंह, जागीर सिंह, सुंदर सिंह, हरनाम सिंह ने मांग की है कि हर वर्ष उजाड़ा और मुआवजे की प्रक्रिया से तंग आ चुके है। अच्छा तो यह हो कि सरकार उनकी सारी जमीन एक्वायर कर ले। गिदावरी की राशि जल्द मिलेगी

एडीसी जगविंदरजीत सिंह ग्रेवाल का कहना है कि दरिया ब्यास की चपेट में आने वाली जमीन की गत वर्ष गिरदावरी करवाई गई थी। कोरोना महामारी के चलते राशि पहुंचने में देरी हुई थी। अब राशि पहुंच चुकी है। आने वाले दिनों में किसानों को मुआवजा वितरण कर दिया जाएगा।


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