जोड़ मेले में उमड़ी संगत, कीर्तन सुन हुई निहाल
छठीं पातशाही श्री गुरु हरगोबिद साहिब जी के अन्न सेवक बाबा बिधी चंद जी की याद में कस्बा सुरसिंह में दो दिवसीय जोड़ मेला मनाया गया।
संसू, खेमकरण : छठीं पातशाही श्री गुरु हरगोबिद साहिब जी के अन्न सेवक बाबा बिधी चंद जी की याद में कस्बा सुरसिंह में दो दिवसीय जोड़ मेला मनाया गया। श्री अखंड पाठ साहिब जी के भोग उपरांत रागी, ढाडी व कीर्तनी जत्थों ने संगत को गुरबाणी से निहाल किया।
सुरसिंह के जोड़ मेले मौके दूर-दूर से संगत पहुंची। बाबा बिधी चंद संप्रदाय के मुखी बाबा अवतार सिंह सुरसिंह ने धार्मिक दीवान में कहा कि छठीं पातशाही श्री गुरु हरगोबिद साहिब जी के अन्न सेवक बाबा बिधी चंद जी का इतिहास सिख कौम व पूरी मानवता को अच्छा संदेश देता है। उन्होंने रागी, ढाडी, कीर्तनी जत्थों व अन्य प्रचारकों को सम्मानित किया। ढाडी तरसेम सिंह मोरांवाली ने सिख कौम के इतिहास से संगत को अवगत करवाया। जोड़ मेले मौके पट्टी के विधायक हरमिदर सिंह गिल और पूर्व सीपीएस हरमीत सिंह संधू ने आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर हरजीत सिंह बलेर, अमरजीत सिंह भिखीविड, बलकार सिंह सुरसिंह, रणजीत सिंह लाली, बापू बब्बू छीना, परमजीत सिंह गगोबूहा मौजूद थे। भट्टों का गुरु साहिब के साथ मिलाप विषय पर किया गुरमति समागम
श्री हरिमंदिर साहिब के साथ संबंधित गुरुद्वारा मंजी साहिब दीवान हाल में भट्टों के गुरु साहिब के साथ मिलाप को समर्पित विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर श्री अखंड पाठ साहिब के भोग के बाद श्री हरिमंदिर साहिब के हजूरी रागी जत्थों की ओर से गुरबाणी कीर्तन किया गया। इस दौरान तख्त पटना साहिब के जत्थेदार रणजीत सिंह गौहर ए मसकीन तथा श्री हरिमंदिर साहिब के ग्रंथी ज्ञानी गुरमिदर सिंह ने संगत के साथ गुरमति विचार सांझा किए।
उन्होंने कहा कि भट्ट साहिबों की बाणी श्री गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज है इस लिए उनको संगत बेहद सम्मान देती है। भट्टों की बाणी मानवता को अपने गुरु के प्रति प्रेम व संमपर्ण की भावना पैदा करती है। इस दौरान भट्ट यूथ वेल्फेयर फेडरेशन पंजाब, भट्ट कीरत इंटरनेशनल सिख काउंसिल, न्यू इंटरनेशनल भट्ट कौंसिल यूके, भट्ट सिख एकता सेवा सोसायटी यूके, भट्ट सिख संगठन अमृतसर आदि के सदस्य भी शामिल थे। इस अवसर पर एसजीपीसी की ओर से कुलविदर सिंह रमदास, मैनेजर गुरिदर सिंह मथरेवाल, मलकीत सिंह बहिड़वाल, नरिदर सिंह , इकबाल सिंह मुखी आदि मौजूद रहे।