गगन कंडा को गोलियां मारने वाले आरोपित तीसरे दिन बाद भी गिरफ्त से बाहर
नामवर वकील अजीत सिंह कंडा के भतीजे गगनदीप सिंह उर्फ गगन कंडा को हवेली में दाखिल होकर पांच गोलियां मारने वाले आरोपितों के खिलाफ भले ही पुलिस ने मौके पर मामला दर्ज कर लिया था

जागरण संवाददाता, तरनतारन : नामवर वकील अजीत सिंह कंडा के भतीजे गगनदीप सिंह उर्फ गगन कंडा को हवेली में दाखिल होकर पांच गोलियां मारने वाले आरोपितों के खिलाफ भले ही पुलिस ने मौके पर मामला दर्ज कर लिया था। परंतु घटना के तीसरे दिन भी आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई। उधर, गगन कंडा की हालत में मामूली सुधार हुआ है। पुलिस का दावा है कि आरोपितों के घरों में छापामारी की गई, परंतु वह भूमिगत हो गए हैं।
पुलिस चौकी टाउन के समीप गली दर्शन पहलवान वाली निवासी गगनदीप सिंह उर्फ गगन कंडा अपने घर के सामने हवेली में धूप सेक रहा था कि बाइक पर सवार होकर दो आरोपितों दविदर सिंह, परमदलीप सिंह निवासी काजीकोट आए। दोनों ने कपड़े से चेहरे ढके हुए थे। परमदलीप सिंह ने गगन कंडा के पास जाकर मुंह से कपड़ा हटा कहा कि पहचान लिया.. मैं पम्मा हां, यह कहते ही आरोपितों ने पिस्टलों से पांच गोलियां चलाई। गोलियां लगने से घायल गगन कंडा को अस्पताल ले जाया गया। जहां से उसे अमृतसर के अमनदीप अस्पताल भेज दिया गया। गगन कंडा ने पुलिस को अपने बयान देते बताया कि गांव काजीकोट निवासी दविदर सिंह व परमदलीप सिंह के साथ दो ओर लोग गली के बाहर खड़े थे। पुलिस ने गगन कंडा के बयानों पर चारों आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज करके छापामारी की गई, परंतु आरोपित पुलिस के हाथ नहीं आए।
वारदात को अंजाम देने से पहले की गई थी रेकी जिस हवेली में गोलियां चली, वहां का जायजा लेने लिए पुलिस पार्टी जब मौके पर पहुंची तो मालूम हुआ कि आरोपितों ने घटना को अंजाम देने से पहले उक्त क्षेत्र के रेकी की थी। हालांकि पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाते हुए घटना स्थान के पास वाले मोबाइल टावर से डंप उठाकर काल डिटेल खंगालनी शुरू कर दी है। पुलिस को संदेह है कि वारदात को अंजाम देने के लिए आरोपितों ने स्थानीय लोगों से कोई मदद ली हो सकती है।
थाना सिटी के जांच अधिकारी एएसआइ विपिन कुमार ने बताया कि चार लोगों को राउंडअप करके गहन तफ्तीश की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस रिकार्ड के मुताबिक वारदात को अंजाम देने वाले दोनों आरोपित गैंगस्टर हैं। उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज है।
Edited By Jagran