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गुरु गोबिंद सिंह खालसा कालेज के शिक्षकों को दो साल से नहीं मिला वेतन

क्षेत्र के लोगों को अच्छी शिक्षा मिले इसलिए 1970 में संत बाबा तारा सिंह द्वारा गुरु गोबिंद सिंह खालसा कालेज शुरू करवाया गया था

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 05:56 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 05:56 PM (IST)
गुरु गोबिंद सिंह खालसा कालेज के शिक्षकों को दो साल से नहीं मिला वेतन
गुरु गोबिंद सिंह खालसा कालेज के शिक्षकों को दो साल से नहीं मिला वेतन

जागरण संवाददाता, तरनतारन : क्षेत्र के लोगों को अच्छी शिक्षा मिले, इसलिए 1970 में संत बाबा तारा सिंह द्वारा गुरु गोबिंद सिंह खालसा कालेज शुरू करवाया गया था। राष्ट्रीय मार्ग स्थित कस्बा सरहाली के इस कालेज की मैनेजमेंट की उदासीनता के कारण छात्रों की संख्या अब 213 तक सिमट गई है, जो कभी दो हजार से अधिक होती थी। कालेज के शिक्षकों और अन्य स्टाफ को 25 माह से वेतन नहीं मिल पाया है, जिसके चलते मैनेजमेंट और स्टाफ में दूरियां बढ़ रही है।

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गुरु गोबिंद सिंह खालसा कालेज में आ‌र्ट्स, कामर्स, साइंस और कंप्यूटर के अलावा रोजगारपरक कोर्स करवाए जाते हैं। आरोप है कि कालेज की मैनेजमेंट की मनमानी के चलते राज्य सरकार द्वारा मैनेजमेंट भंग करके प्रबंधक लगाए गए थे।

कालेज की मैनेजमेंट के खिलाफ आवाज उठाने वाले वरिष्ठ प्रोफेसर परमजीत मिश्रा ने बताया कि प्रोविडेंट फंड व डीए में भी कथित तौर पर हेराफेरी की जाती है। उन्होंने बताया कि 2011 से 2017 तक मैनेजमेंट द्वारा कालेज के खाते से करोड़ों की राशि निकलवाई। मैनेजमेंट द्वारा ट्रांसपोर्ट के लिए प्रयोग होने वाली बसें भी बेची गई। अर्ध सरकारी कालेज से इस कालेज को पूरी तरह से निजी कालेज बनाने लिए जमीन भी बेची गई। उन्होंने बताया कि 2017 में कालेज में विद्यार्थियों की संख्या दो हजार से अधिक थी, जो अब घट कर 213 तक रह गई है। उन्होंने बताया कि कालेज में कुल 70 स्टाफ हैं। हालत यह है कि शिक्षकों सहित अन्य स्टाफ को 25 माह से वेतन नहीं दिया जा रहा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिखकर मिश्रा ने मैनेजमेंट के खिलाफ विजिलेंस की जांच करवाने की मांग की है। प्रोविडेंट कमिशन को की गई शिकायत

प्रो.परमजीत मिश्रा कहते हैं कि डीए में कानून को ताक पर रखा जा रहा है। कर्मचारियों को 132, 100, 90 व 65 फीसद डीए लगाकर उनके हक को छीना जा रहा है। इसके अलावा प्रोविडेंट फंड वेतन से दस फीसद कम करके दिया जा रहा है। इस संबंध में स्टाफ द्वारा प्रोविडेंट फंड कमिशन को भी शिकायत की गई है।

तकनीकी कारणों से रुकी है स्टाफ की सेलरी : कार्यवाहक प्रिंसिपल

कालेज के कार्यवाहक प्रिंसिपल जीके अरोड़ा ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि तकनीकी कारणों से स्टाफ का वेतन रुका था। मैनेजमेंट द्वारा कोई भी गैर कानूनी ढंग से पैसा प्रयोग नहीं किया गया। मैनेजमेंट की ओर से अच्छे ढंग से प्रबंध चलाए जा रहे हैं। विद्यार्थियों की संख्या कम होने के संबंध में कालेज मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष बाबा हाकम सिंह ने कहा कि आज के दौर में युवा विदेश जा रहे हें, जिसकी वजह से छात्रों की संख्या कम हो रही है।


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