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साढ़े 28 साल बाद मिला परिवार को मकान का कब्जा

भिडरावाला टाइगर फोर्स (बीटीएफ) के मारे गए चीफ गुरबचन सिंह को सौंपा गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 12:14 AM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 12:14 AM (IST)
साढ़े 28 साल बाद मिला परिवार को मकान का कब्जा
साढ़े 28 साल बाद मिला परिवार को मकान का कब्जा

जागरण संवाददाता, तरनतारन : भिडरावाला टाइगर फोर्स (बीटीएफ) के मारे गए चीफ गुरबचन सिंह मानोचाहल के मकान का कब्जा आखिरकार साढ़े 28 साल बाद पुलिस ने छोड़ दिया। कस्बा नौशहरा पन्नुआं स्थित तीन कनाल में बने मकान में गुरबचन सिंह मानोचाहल रहता था। इस जगह पर पुलिस की तरफ से चौकी का निर्माण किया गया था।

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वह प्रथम श्रेणी का आतंकी था तथा उसके सिर पर पांच लाख का इनाम था। मानोचाहल के मकान पर पुलिस ने कब्जा करके चौकी (नौशहरा पन्नुआं) बनाई थी। 1993 में गांव रटौल में गुरबचन मुठभेड़ में मारा गया था। उसके भाई मास्टर तरलोचन सिंह (पूर्व सैनिक) ने पैतृक मकान पर किए गए कब्जे का मामला अदालत में ले गए थे, जिसके बाद अदालत ने सरकार से जवाब मांगा था। पट्टी के विधायक हरमिदर सिंह गिल ने पुलिस से कब्जा छुड़वाने में अपनी अहम भूमिका निभाई। इस दौरान नौशहरा पन्नुआं की पंचायत ने प्रस्ताव पारित करके स्कूल की इमारत में चौकी के लिए जगह दे दी थी। माल विभाग की सारी कार्रवाई के बाद ने परिवार को मकान का कब्जा दे दिया गया। बुधवार को पट्टी के विधायक हरमिदर सिंह गिल उक्त मकान में पहुंचे। उन्होंने मास्टर तरलोचन सिंह और उनके परिवारिक सदस्यों को बधाई देते हुए राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन की प्रशंसा की। विधायक गिल ने इस बारे में इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट डाली है। जिसकी काफी चर्चा हो रही है। क्योंकि लोग कह रहे हैं कि किसी के किए अपराध की सजा दूसरे के क्यों मिलनी चाहिए, यह न्याय बहुत पहले हो जाना चाहिए था।


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