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तरनतारन की मार्केट कमेटी वसूल रही चार फीसद टैक्स

प्रदेश सरकार द्वारा वित्त वर्ष के बजट के दौरान मंडियों की चार फीसद फीस में कटौती करके दो फीसद फीस वसूलने की घोषणा की गई थी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 05:21 PM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2020 05:21 PM (IST)
तरनतारन की मार्केट कमेटी वसूल रही चार फीसद टैक्स
तरनतारन की मार्केट कमेटी वसूल रही चार फीसद टैक्स

जासं, तरनतारन : प्रदेश सरकार द्वारा वित्त वर्ष के बजट के दौरान मंडियों की चार फीसद फीस में कटौती करके दो फीसद फीस वसूलने की घोषणा की गई थी। कोरोना काल के दौरान सरकार का यह फैसला छह माह के बाद भले ही राज्य में लागू हो गया। परंतु तरनतारन की अनाज मंडी में सब्जी पर अभी भी अधिक फीस वसूली जा रही है। इससे करीब 200 से अधिक सब्जी के खरीदारों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

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मार्केट कमेटी द्वारा सब्जी मंडी में रोजाना सब्जी की बोली करवाई जाती है। पहले मार्केट कमेटी द्वारा इस बोली पर चार फीसद फीस ली जाती थी, जिसमें से दो फीसद मार्केट कमेटी व दो फीसद आरडीएफ के खाते में जाता था।

कैप्टन सरकार द्वारा वित्त वर्ष के बजट दौरान चार फीसद फीस को दो फीसद फीस किया गया था। यह फैसला 19 अक्टूबर को लागू हुआ। गौर हो कि मंडी में सब्जी खरीदने आने वाले व्यापारियों को नौ फीसद फीस चुकानी पड़ती थी, जिसमें से पांच फीसद आढ़ती के खाते में जाती थी। जबकि फीसद मार्केट कमेटी को मिलते थे। सरकार के नए आदेश मुताबिक आढ़तियों द्वारा सब्जी की बोली मौके पहले की तरह ही पांच फीसद फीस अपनी जेब में डाली जाती है। जबकि मार्केट कमेटी के खाते में चार फीसद से आधी हुई फीस के फैसले को अभी भी दबाया जा रहा है। मतलब कि मार्केट कमेटी के नाम पर अभी भी चार फीसद फीस (दो फीसद आरडीएफ, दो फीसद मार्केट कमेटी) वसूली जा रही है। स्थानीय सब्जी मंडी में करीब 35 आढ़ती रोजाना सब्जी की बोली लगवाते है। जबकि बोली देने वाले व सब्जी के खरीदारों की संख्या रोजाना 200 से 250 तक है। सरकार के फैसले से अंजान व्यापारियों से मार्केट कमेटी द्वारा अभी भी नौ फीसद फीस वसूली जा रही है। जबकि नियमों मुताबिक सात फीसद फीस ही वसूली जा सकती है। सब्जी की बोली मौके कोई भी अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं होता, बल्कि अपने कारिंदों के माध्यम से आढ़तियों से सरकारी फीस की वसूली की जाती है। यहां तक कि मंडी में आने वाली सब्जी का तोल भी नहीं जांचा जाता। यह काम आढ़तियों के भरोसे पर छोड़ा गया है। इतनी सब्जी की होती है रोजाना बोली

प्रत्येक दिन में सब्जी मंडी में 20 से 25 क्विंटल प्याज, दो से तीन क्विंटल अदरक, एक से दो क्विंटल लहसुन, दो से तीन क्विंटल फली, दो से तीन क्विंटल शिमला मिर्च, 15 से 20 क्विंटल गाजर, 35 से 40 क्विंटल शलगम, पांच से सात क्विंटल हरी मिर्च, आठ से दस क्विंटल टमाटर, दो से तीन क्विंटल बैंगन, 40 से 50 क्विंटल मूली, 30 से 35 क्विंटल गोभी की बोली लगती है। शिकायत मिली है, जांच की जाएगी जिला मंडी अधिकारी अजयपाल सिंह का कहना है कि सरकार द्वारा मार्केट कमेटी फीस चार से कम करके दो फीसद की गई है। परंतु नियमों के विपरीत सब्जी मंडी में अधिक फीस वसूली की शिकायत उन्हें मिली है। इस मामले की जांच करवाई जाएगी। मार्केट कमेटी का कोई कर्मचारी या अधिकारी इस मामले में शामिल पाया गया तो कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।


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